नोटबंदी के बाद पूरे देश में तमाम परेशानियों के बावजूद एक तरफ जहां लोग सरकार के फैसले के साथ खड़े नजर आते हैं वहीं तमाम राजनीतिक पार्टियां तैयारियों की कमी के बहाने सरकार पर हमलावर है। इसी सिलसिले में सोमवार को विपक्ष ने आक्रोश दिवस मनाने का फैसला किया है और भारत बंद का आह्वान किया है।
लेकिन आक्रोश दिवस के पहले ही विपक्ष का आक्रोश ठंडा पड़ता दिखाई दे रहा है क्योंकि उनकी टीम टूटती जा रही है। मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ ममता की रैली में शिरकत कर चुके शरद यादव की पार्टी जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी इस भारत बंद का हिस्सा नहीं होगी। इसे लेकर जेडीयू ने एक मीटिंग की। सीनियर लीडर्स की मौजूदगी में ये फैसला लिया गया। इस बारे में जेडीयू ने बिहार में अपनी साथी पार्टियों आरजेडी और कांग्रेस को जानकारी दे दी है।
जेडीयू के जनरल सेक्रेटरी पवन वर्मा ने कहा, ”हमारी पार्टी ने साफ कर दिया है कि हम नोटबंदी के समर्थन में हैं, इसलिए हम किसी तरह के बंद का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इससे महा गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि अपोजिशन में सभी पार्टियों को अपना पॉलिटिकल एजेंडा लेकर चलने का हक होना चाहिए। नीतीश कुमार और जेडीयू के इस फैसले का बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने स्वागत किया है।