इस समय देश में दो चीजों पर चर्चा हो रही है। अगर भाजपा के नजर से देखा जाए तो राम मंदिर. और दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन का पूरा ध्यान सीट शेयरिंग पर है। सीट शेयरिंग में भी दो चरण है। पहला चरण यह है कि कितनी सीटों पर कौन लड़ेगा। दूसरा, किस किस सीट पर कौन लड़ेगा ? मतलब किसके खाते में कौन सी सीटें जाएगी। अभी तो पहला चरण ही संभलता नजर नहीं आ रहा है। कम से कम चार – पांच राज्यों की बात करें तो। और कुछ जगह पर मुद्दा सुलझ गया है। तो कुछ जगह पर यह मुद्दा है ही नहीं। अगर दक्षिण की बात करें तो तमिलनाडु में यह मुद्दा सुलझा हुआ लग रहा है क्योंकि वहां पर जो डीएमके चाहेगी कांग्रेस उसको मान लेगी। केरल में 20 सीटें है। अगर पिछली बार की बात करें तो कांग्रेस के पास 15 सीट तो वाम मोर्चा के पास 5 सीट थीं। यहां पर भी दोनों अगर आपस में भी लड़ते हैं तो भी इंडिया गठबंधन के ही खाते में जाएगा। क्योंकि दोनों नहीं चाहेंगे कि भाजपा का कोई जगह बने। कर्नाटक में भाजपा–कांग्रेस का मुकाबला है।आंध्रपदेश में कांग्रेस भी भाजपा की तरह शून्य पर है।तेलंगाना में डीआरएस और कांग्रेस का मुकाबला है। भाजपा अपना तीसरा एंगल लिए नजर आ रही है। तो इस हिसाब से दक्षिण भारत में लगभग स्थिति क्लियर हो जाती है।
अब उत्तर भारत की बात करें तो जम्मू कश्मीर में भी लगभग क्लियर रहेगा। क्योंकि वहां ज्यादा दिक्कत नहीं होगी इंडिया गठबंधन को। हिमाचल में कांग्रेस और भाजपा। राजस्थान में कांग्रेस–भाजपा।उतराखंड में कांग्रेस – भाजपा। मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस –भाजपा। झारखंड में भी महागठबंधन है। वहां भी सीटों के लेकर बहुत बड़ा टकराव नजर नहीं आ रहा हैं। असम में भी लगभग क्लियर है। बिहार में भी लगभग क्लियर मामला है। यहां पर भी महागठबंधन और भाजपा आपमें सामने होगी। अब बच गए कुल मिला कर दिल्ली, पंजाब,गुजरात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
सबसे बड़ा झगड़ा यूपी में है क्योंकि 80 सीटों का मामला है। पिछले दिनों भी सपा और कांग्रेस की बैठक हुई लेकिन बात नहीं बनी। क्योंकि बीच में ही मायावती का मामला फंस गया। शुरू में तो यही लग रहा था कि मायावती इंडिया गठबंधन के साथ नहीं जाएगी। लेकिन बाद में क्लियर हो गया कांग्रेस के साथ मायावती भी आएगी। लेकिन समाजवादी पार्टी नहीं चाहती कि मायावती उसके साथ लड़े। क्योंकि अगर मायावती आएगी तो लगभग आधे सीटों पर दावा करेंगी। लेकिन कांग्रेस चाहती है कि सपा के साथ बसपा भी आ जाएगी तो ठीक रहेगा। लेकिन सूत्रों की बात करें तो समाजवादी पार्टी 65 सीटों का दावा कर रही है। लेकिन अगर मायावती आती है तो 30–35 सीटें का दावा करेंगी। इधर समाजवादी पार्टी भी कम से कम 30 सीटें का दावा करेगी। तो यहां सवाल है कि क्या कांग्रेस को 3–4 सीटें ही मिलेगी? फिर आर एल डी कहां जाएगी। यहां पर पेंच फंसेगी।
अगर हम बात करें पंजाब की तो, यहां 13 सीटें हैं। पिछली बार कांग्रेस 8 सीट जीती थी। लगभग 2 सीट पर कांग्रेस दूसरी नंबर पर थी। आम आदमी पार्टी ने 1 सीट जीती थी और किसी भी सीट पर नंबर 2 पर नहीं थी। अब यहां आम आदमी पार्टी कह रही है कांग्रेस से कि आप 6 सीटों पर लड़ लीजिए हम यहां 7 सीटों पर लड़ लेंगे। और दिल्ली में भी 3–4 पर मामला लटका हुआ है।इसके बदले में आप पार्टी का मांग है कि हरियाणा में हमें कम से कम 3 सीट मिलनी चाहिए। हरियाणा की बात करें तो आप पार्टी को कुल मिलाकर मात्र 45 हजार वोट मिला था। कांग्रेस का कहना है की 0.4 % वोट मिला है। 3 सीट कैसे दे दें।
गुजरात में आप पार्टी सिर्फ एक सीट मांग रही है। फिर गोवा में भी आप पार्टी 1 सीट मांग रही है। गोवा में पिछली बार कांग्रेस 1 सीट जीती थी। दूसरी सीट पर कांग्रेस नंबर दो पर थी। लेकिन राजनीतिक जानकर की बात माने तो उनका कहना है कि पंजाब में कांग्रेस आप पार्टी अलग अलग लड़ेगी तो ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि वहां विपक्ष में अकाली दल और भाजपा है। अगर अकाली दल और भाजपा एक साथ लड़ेगी तो कांग्रेस आप के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है।
यही मामला बंगाल में भी नजर आ रही है।बंगाल में 42 सीटें है।ममता बनर्जी को 22 सीटें मिली थी।भाजपा को 18 सीटें और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थी।ममता का कहना है कि आप 2 सीटें जीते थे तो आप उतने सीट पर लड़ लिजिए। लेकिन कांग्रेस कम से कम 5–6 सीटें चाह रही है।
बंगाल में भी कुछ लोगों का मानना है कि वाम दलों को गठबंधन से अलग हो जाना चाहिए। क्योंकि ममता विरोधी वोट अगर नहीं बंटेगी तो भाजपा की झोली में वोट जाएगी जिससे भाजपा को और ज्यादा फायदा होने का अनुमान है।
तो क्या हम बंगाल में भी माने तो कांग्रेस और ममता तो एक साथ होंगे लेकिन वाम दल अलग होगा।
अगर हम महाराष्ट्र की बात करें तो वहां 48 सीटें हैं।यहां लगभग तय हो गया है कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। सिर्फ घोषणा होना बाकी है। सूत्रों की माने तो 20 सीटों पर उद्धव ठाकरे की पार्टी, 20 सीटों पर कांग्रेस और 8 सीटों पर NCP चुनाव लड़ेगी।