ये भी अजीब विडंबना है कि जिस पार्टी का गठन ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से बने माहौल से हुई थी, उस पार्टी के मंत्री अक्सर ही भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.
जन लोकपाल कानून की मांग को लेकर 2011 में एक आंदोलन हुआ था, जिसकी अगुवाई सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने की थी. लेकिन इस पूरे आंदोलन से अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम रातों-रात देश भर में जाने-पहचाने चेहरे बन गए थे. दिल्ली में तो एक तरह से जादू ही चल गया था, जो विधानसभा चुनाव नतीजों के लिहाज से तो अभी भी कायम है.
जन लोकपाल आंदोलन में जनता के समर्थन को देखते हुए अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2012 में आम आदमी पार्टी बना डाला. फरवरी 2015 से अरविंद केजरीवाल लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. बहुत कम समय में ही आम आदमी पार्टी का नाम पूरे देश में फैल गया, ये हम सब जानते हैं. दिन ब दिन पार्टी की राजनीतिक हैसियत भी बढ़ते ही जा रही है, इसमें भी कोई दो राय नहीं है.इस समय दो राज्यों में आम आदमी पार्टी की सरकार है.
लेकिन पिछले 8 साल में इनके मंत्रियों पर भी लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं
हाल ही में जिस तरह दिल्ली की आप पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा किया, उससे लगता है कि वे अपने नेताओं को बचा रहे हैं।
पार्टी के दो नेता जेल में बंद हैं। देश में अधिकांश नेताओं के देशप्रेम और देशभक्ति की मिसाल दी जाती है। उनका सपना है कि देश विश्व में अव्वल दर्जे का देश बने। मगर ज्यादातर नेताओं की चाल विपरीत दिशा में है। देश की समस्याओं से जूझने और हर समय देश के विकास में लगे रहने वाले नेता विरले ही हैं।