प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रसाद के दौरान अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा तो दिया ही, साथ ही विपक्ष खासकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नहीं होती तो सिखों का नरसंहार नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए और भी ऐसे कई घटनाओं का जिक्र किया। इस दौरान कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि कांग्रेस का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस के स्थान पर फेडरेशन ऑफ कांग्रेस कर दिया जाना चाहिए।
● किशोर कुमार को इमरेंसी के पक्ष में नहीं बोलने के कारण प्रताड़ित किया गया था। हम जानते हैं कि एक विशेष परिवार के खिलाफ थोड़ी भी आंख उठाने की कोशिश करते है तो क्या हश्र होता है, यह हम सभी जानते हैं।
● कांग्रेस ने गोवा के साथ-साथ भेदभाव किया। लता मंगेशकर के छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर को ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया था। उन्होंने वीर सावरकर की कविता की रेडियो पर प्रस्तुति दी थी। उसके आठ दिन के अंदर उन्हों नौकरी से निकाल दिया गया।
● कांग्रेस आलाकमान के काम करने के 3 तरीके। बदनाम करना, स्थिर करना और फिर खारिज करना। उन्होंने इन सिद्धांतों के साथ काम किया है। फारूक अब्दुल्ला सरकार, चौधरी देवी लाल सरकार, चौधरी चरण सिंह सरकार, सरदार बादल सिंह सरकार और पिछले 6-7 दशकों में किसने परेशान किया? सभी जानते हैं कि कांग्रेस ने भारत के इतिहास में सरकारों को अस्थिर करने के लिए किस तरह की चाल चली है। अटल जी की सरकार ने तीन राज्यों छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड का गठन किया, लेकिन ऐसी कोई समस्या कभी सामने नहीं आई।
●अर्बन नक्सल के चंगुल में फंसी कांग्रेस। यही ववजह है कि वह बार-बार बोल रही है कि हम इतिहास बदल रहे हैं। हम इतिहास नहीं बदल रहे हैं। हम उन्हें थोड़ा पहले ले जाते हैं। इसी कारण उन्हें दिक्कत होता है, क्योंकि उनकी इतिहास तय है। कुछ लोगों का इतिहास एक परिवार तक सीमित है। गौरवपूर्ण इतिहास को भुला देना ठीक नहीं होगा।
● सदन में कहा गया कि कांग्रेस ने भारत की नींव रखी और भाजपा ने सिर्फ झंडा फहराया। सदन में इसे मजाक की तरह नहीं कहा गया। यह गंभीर सोच का परिणाम है जो देश के लिए खतरनाक है। कुछ लोगों का मानना है कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था। इस सोच के कारण समस्याएं पैदा होती हैं।