कोरोना की महामारी से जूझ रहे देश की दोनों मुख्य पार्टियां एक दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयास में कोई कमी नहीं कर रही है। बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने एक बार फिर राजीव गाँधी फाउँडेशन के बहाने कांग्रेस और सोनिया गांधी पर सवाल खड़े किए। नड्डा ने कहा कि फाउँडेशन के बही-खातों में साफ है कि उसे पीएम रिलीफ फंड के अलावा मेहुल चौकसी जैसे भगोड़े कारोबारी से भी पैसे मिले। साथ ही नड्डा ने कहा कि फाउँडेशन में डोनेशन के एवज में चौकसी को बड़े बड़े लोन दिलाने में मदद की गई।
सरकार ने कोरोना के आगे घुटने टेक दिए- राहुल गाँधी
इसी बीच राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री और सरकार पर कोरोना की लड़ाई में घुटने टेकने का आरोप लगया, राहुल ने लिखा कि सरकार के पास कोरोना से लड़ने की कोई प्लान नहीं है, प्रधानमंत्री चुप हैं और बीमारी देश के नए नए हिस्सों में फैलती जा रही है। राहुल ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ये भी कहा कि कोरोना को लेकर कई दिनों से आईसीएमआर पैनल और ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) की कोई मीटिंग नहीं हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय भी महामारी को लेकर कोई ब्रीफिंग नहीं कर रहा।
ये महज इत्तेफाक या असर ?
इसे इत्तेफाक कहें या राहुल की बात का असर कि उनके ट्वीट करने के 3 घंटे बाद ही यह खबर आ गई कि दिल्ली में जीओएम की बैठक चल रही है। इस महामारी के दौर में सभी राजनीतिक दलों को अपनी पार्टी के हित से उपर उठकर सोचना चाहिए। साथ ही ऐसे प्रयास हर स्तर पर होने चाहिए जिससे इस महमारी को रोकने में देश सफल हो सके।