Report: Sanjeev Kumar, Senior Journalist,Delhi
सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी से एक बार फिर समान नागरिक संहिता का मुद्दा चर्चा में आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिए गए एक फैसले में कहा कि देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में कई बार कह चुका है.
गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है,
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि गोवा भारतीय राज्य का एक चमचमाता उदाहरण है जिसमें समान नागरिक संहिता लागू है, जिसमें सभी धर्मों की परवाह किए बिना यह लागू है, वो भी कुछ सीमित अधिकारों को छोड़कर. पीठ ने एक संपत्ति विवाद मामले में ये टिप्पणियां की. पीठ ने कहा कि गोवा राज्य में लागू पुर्तगाली नागरिक संहिता, 1867 है, जो उत्तराधिकार और विरासत के अधिकारों को भी संचालित करती है. जबकि भारत में कहीं भी गोवा के बाहर इस तरह का कानून लागू नहीं है.
मोदी ले सकते हैं चौकानेवाला फैसला
अपार बहुमत के साथ दूसरे कार्यकाल मेें जिसतरह से मोदी सरकार ने आक्रामक तरीके से काम करना शुरू किया है और 370और 35A पर एक झटके निर्णय लेकर पूरी दुनिया को चौका दिया ऐसे में एक दिन अचानक कॉमन सिविल कोड पर कहीं कोई बड़ा फैसला भी आ सकता है .
समान नागरिक संहिता यानि यूनिफार्म सिविल कोड संघ और भाजपा की मुख्य मांग
समान नागरिक संहिता यानि यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने सहित जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने की संघ परिवार और भाजपा की पुरानी मांग रही है। तीन तलाक पर कानून बनाकर और धारा-370 हटाकर मोदी सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट 35 साल पहले शाह बानो के केस में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की आवश्यकता जता चुका है। सरोज मुद्गल के केस में भी शीर्ष अदालत ने इस पर टिप्पणी की थी और अब गोवा के एक संपत्ति विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर यूनिफार्म सिविल कोड लागू नहीं करने पर टिप्पणी की है।ऐसे में अब जिस तरह का माहौल बनता जा रहा है उससे तो यही लगता है कि जिन मुद्दों को अपने मेनिफेस्टो में रखकर मौजूदा सरकार कामकर रही है उसमे अब यही लग रहा है कि मोदी और अमित शाह इसपर कोई ठोस फैसला ले सकता है. ये अलगबात है कि इस मुद्दे पर भी सियासत के खूब स्कोप हैें और पिछले कई सालों से वोट बैंक का खेल चल रहा है. आसार है इसपर भी जमकर घमासान होना है लेकिन जिसतरह से मौजूदा सरकार ने चौकानेवाले फैसले लिए हैं यहां भी कुछ नया देखने को मिल सकता है. ये अलग बात है कि इसबार तात्कालिक वजह बनेगा सुप्रीम कोर्ट का डंडा.