चमकी पर सियासत,दिल्ली केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री की दहलीज पर प्रदर्शन
चमकी से बच्चों की मौत का आंकड़ा दोहरे शतक की ओर बढ़ता जा रहा है.सरकार और तंत्र की विफलता के खिलाफ मुजफ्फरपुर समेत कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं,खासकर सियासी भ्रमण और थोथी दलील से परेशान लोग मंत्री से लेकर विरोधी दलों के नेताओं तक को लोग नहीं छोड़ रहे हैं. बहुत सारे नेता तो अस्पतालों तक जाने से भी डर रहे हैं .हर सियासी ड्रामा भी कम नहीं हे रहा है. अबतक चमकी के नाम पर माईलेज लेने का जो स्कोप बिहार तक ही सीमित था उसे नेताओं ने दिल्ली भी पहुंचा दिया है .
चमकी पर लम्बी मौन-साधना के बाद मोदी जी ने अब जाकर सदन में पूर्ण समर्पण की मुद्रा में शर्मिंदगी को कबूल किया तो विपक्ष को लगा कि यहां तो मोदी जी ने हार स्वीकार कर भी जीत का स्ट्रोक लगा दिया.अब विपक्ष के पास रास्ता क्या बचा था . लेकिन कोई और रास्ता भी तो नहीं दिख रहा ,बिहार जाकर मर रहे बच्चों के लोगों का सामना तो करना इनके बूते की नहीं . फिर क्या हाथ पर हाथ रख कर बैठ तो नहीं जाए. ऐसे में अगर बिहार या मुजफ्फरपुर जाने की कूबत नहीं तो एक दूसरा रास्ता तो तलाशा जा ही सकता है.आखिर मुद्दा तो है ना हाथ में,बिहार से दिल्ली तक लाने में लगता ही क्या है? एक फ्लैक्स पर दो चार मरते तड़पते बच्चों की तस्वीर,मां-बाप की, छाती पीटते-रोते तस्वीर और बहुत बड़ी टेक्स्ट में पार्टी का नाम, और कुछ गरीब-फटेहाल बिहारी लोग …..बस मोर्चा तैयार.
यही कुछ दिल्ली के रंगमंच पर आज हुआ. युवक कांग्रेस और बिहार कांग्रेस की ओर से 30 जनवरी मार्ग स्थित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के आवास के बाहर धरना-प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय मंत्री व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की भी मांग की.
बिहार में सत्ता और विपक्ष दोनो को सांप सूंघता है लोगों का सामना करने में
डॉ. हर्षवर्धन के आवास के बाहर जुटे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बिहार में इंसेफेलाइटिस बीमारी ने आयुष्मान भारत योजना की कलई खोल दी है। डॉक्टर, दवा व इलाज की कमी के कारण सैकड़ों गरीब परिवारों के बच्चे काल के मुंह में समा गए। इससे यहां की स्वास्थ्य सेवाओं की भी पोल खुलती है। जंतर-मंतर पर संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा भी इसे लेकर विरोध प्रदर्शन देेखने को मिला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।
पिछले दिनों मुजफ्फरपुर आए थे हर्षवर्धन
गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर आए थे। उनहोंने एसकेएमसीएच में पीडि़त मरीजों का जायजा लिया था तथा उनके अभिभावकों से बात की थी। इतना ही नहीं, खुद डॉक्टर होने के नाते लगभग 100 मरीजों को केंद्रीय मंत्री ने जांच भी की। वहीं, उन्होंने कई तरह की घोषणाएं भी की थीं। बाद में 2014 की तरह की गई घोषणाओं को लेकर राजनीतिक स्तर पर विरोध भी हुआ। यहां तक कि मुजफ्फरपुर में जाप पार्टी के युवाओं के उन्हें काले झंडे भी दिखाए थे।
खैर ये सारे वो दृश्य थे दिल्ली के रंगमंच पर जिसका थीम बिहार से लाय़ा गया था.वैसे भी ये माना गया है कि विरोध की राजनीति करने वाले मुगालते में ही खुश हो जाया करते हैं और यहीं अपनी जिम्मेवारी को पूरा हुआ मान लेते हैं .