पूर्व-उप मुख्यमंत्री तेजस्वी देंगे धरना दिल्ली में,बिहार की बेटियों के लिए मांगेंगे न्याय
सुनिए नितीश जी.
मुजफफरपुर बालिका-गृह में लगातार दरिंदगी और यौन-शोषण होता रहा,सरकार सोती रही ,तंत्र गूंगा बना रहा और मासूम बेटियों की कराह दीवरों के अंदर दफ़न होती रही। एक ऑडिट संस्था के द्वारा रिपोर्ट से जब खुलासा हुआ तो सनसनी फ़ैल गयी। नितीश कुमार के मंत्री पर आरोप लगे। इस काण्ड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पकड़ा गया लेकिन नितीश कुमार संग रहते हुए वो दरिंदगी और पाप का खेल खेलता रहा। मंत्री वहां जाती रही,उनके पति चंद्रशेखर वर्मा भी अपनी हाजिरी देते रहे। साथ में दर्जनों अधिकारी वहां की सुध लेते रहे,परन्तु वहां की बच्चियों की सुध लेने के बजाय उनका शोषण इन सबकी उपस्थिति में भी होता रहा। बच्चियों के दर्द को इनके दिल को नहीं महसूस किया तो दर्द कानो को भी नहीं भेद पाया। पर हिम्मत देखिये जनाब,कितना धैर्य है नितीश कुमार में इतने दिनों तक इस मामले पर मुँह नहीं खोला। और जब खोला तो खुद को शर्मसार भर कह अपना पाप धो डाला।
लगता है इंसानियत और इन्साफ की दुहाई देनेवाले ही अब इनके कातिल बन गए हैं। नहीं तो इन बच्चियों की जिम्मेवारी में इतने लोग लगे हुए थे किसी का जमीर नहीं जगा। कोई दबी जुबान भी इसका विरोध नहीं कर पाया ?शर्मसार तो बिहार और बिहार के लोग हैं इसलिए नहीं कि अपराध उन्होंने किया,बस इसलिए कि जिनपर इंसाफ,जम्हूरियत और इंसानियत की जिम्मेवारी इन्होने दे रखी थी उन्होंने ही इनकी साख और इज्जत को लूट लिया है। अब लाख जाँच बैठा दे,दर्जनों गिरफ़्तारी करा दे,बड़ी से बड़ी सजा दिला दे,उन बच्चियों की खोयी अस्मत लौटा देंगे क्या? बड़े फक्र से सी एम साहेब कहते हैं सी बी आई को जाँच का जिम्मा दे दिया है,चाहे तो हाई कोर्ट इस जांच की निगरानी कर ले। क्या होगा सुशाशन बाबू इससे?जाँच के बाद अगर संभव हुआ तो अपराधी-दोषी को सजा दे दिया जायेगा। पर ये उपाय है क्या?
सारा अपराध आपकी सरकार की देखरेख में हुआ है। जब सरकार किसी अच्छे काम या फिर किसी विकास का ढोल पीट उसका श्रेय खुद लेती है तो फिर ये श्रेय लेने से कैसे चूक रहे हैं आप ?आपने कई दिन बिता दिए घटना उद्भेदन के बाद अपना मुँह खोलने में। और बात करते हैं बालिकाओं के उत्थान की। बगल में उस मंत्री को बैठा कर रखते हैं जिन्हे इस कांड के बाद स्वेच्छा से जाँच होने तक पद छोड़ देना चाहिए था। मान लिया उनके पति पर अभी आरोप साबित नहीं हुआ है,परन्तु आपपर तो आरोप साबित हो रहा है कि आधिकारिक तौर पर आपकी ही देखरेख में इस तरह का पाप बिहार जैसे गौरवशाली राज्य में हुआ। और मंत्री मंजू अगर अपने पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया तो सुशाशन बाबू के पास कोई जमीर नहीं या वो भी कहीं से ब्लैकमेल तो नहीं हो रहे,जिसकी वजह से आप मंत्री को( मंत्री मंजू वर्मा को) बर्खास्त नहीं कर पा रहे?
खैर वजह जो हो पर इस पाप से पल्ला नहीं झाड़ सकता कोई चाहे वो ब्रजेश ठाकुर हों,तोंदवाले चंद्रशेखर वर्मा हो,मंत्री मंजू वर्मा हो या सुछवि-बाबू नितीश जी हों।
खैर अब ये भी समझ नहीं आता कि जिन बालिकाओं के लिए कई सारी योजनाए सरकार चलाती है,करोडो खर्च करती है उसके एवज में बच्चियों की अस्मत से खेला जाता है क्या ? क्योंकि आपकी सरकार के क्रियाकलाप से तो अब यही समझ आ रहा है कि भोग भोगने की आदत सी हो गयी है आपको भी। वरना जिस राज्य में इतनी बड़ी घिनौनी घटना बेटियों के साथ घटी हो वहाँ के मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री और समाजकल्याण मंत्री अपने उच्चस्थ अधिकारिओं के संग पटना में बैठ राजसी व्यंजन का मजा रस ले-लेकर ले रहे होते हैं। गुलाबजामुन सरीखे कई मुलायम मिठाईओं को मुँह में देते वक्त भी वो बेटियां याद नहीं आयी आपलोगों को?आखिर उन बच्चियों के दर्द को चासनी में डूबे मिठाईयों ने बेअसर कर दिया होगा। कमाल की दवा का ईजाद किया है आपलोगों ने जो मन में छुपे दर्द को भी एनासीन की तरह छू मन्तर कर देता है।जनाब सूबे की करोडो जनता के व्यथित मन और दर्द को भी इसी फार्मूला से हटा दीजिये ना?ये नहीं हो पायेगा आपसे।शायद नेता हैं ना आप लोग। मजबूरी है आप तो बिना मुखौटा लगाए भी चेहरे को बदल लेते हैं।
सुशाशन बाबू विरोध की ज्वाला भड़क उठी है। ये नहीं माने कि सिर्फ तेजस्वी भर हैं जो जंतर मंतर तक आकर फोटो और वीडियो बनवाने के बाद अगले ही पल चैनेलो और दूसरे संचार माध्यमों पर अपनी टी आर पी देखने किसी एसी कमरे में टीवी से चिपक जायेंगे या सूटेबल खबरनवीसों से अपडेट लेने में मसगूल हो जायेगे। चिंता उन विरोधों के बारे में कीजिये जिन्हे टीवी और अखबार से ज्यादा मतलब नहीं,वो लोग है आपपर विश्वास किये बैठी जनता। इनका विश्वास आपसे डिगा है और यही आपके लिए खतरे की घंटी भी है।