सात साल की मासूम से किया था दुष्कर्म,अंधी ताई से छीन घटना को दिया था अंजाम
अलवर के पिंटू भराड़ा को फांसी की सजा सुनाकर अलवर कोर्ट ने एक अहम् काम किया है। सिर्फ बाईस दिनों की सुनवाई के बाद अलवर की विशेष अदालत ने घटना को जघन्य मानते हुए दूधमुंही बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा मुक़र्रर किया है। विशिष्ट जज,अनुसूचित-जनजाति,जन-जाति अत्याचार निवारण जगेंद्र अग्रवाल ने रोजाना इस मामले की सुनवाई की और मात्र बाईस कार्यदिवस में सजा सुना दी। यह राजस्थान का पहला मामला हो सकता है जिसमे इतनी जल्दी सजा सुनाई गयी हो।
मामले की सुनवाई करते हुए जज ने केंद्र द्वारा बनाये गए कठोर कानून का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में इस क़ानून की वजह से ही ऐसा हो सका है जिसके लिए सरकार को धन्यवाद मिलना चाहिए। केंद्र ने हाल ही में पोक्सो एक्ट में संशोधन किया था और अब कानून बनाया था कि बारह साल की उम्र से कम बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषी या दोषियों को फांसी की सजा होगी। अलवर जिले की यह घटना इसी साल मई माह की है जिसमे पिंटू भराडा ने एक मासूम बच्ची को दृष्टिहीन ताई की गोद से छीन कर दरिंदगी की थी।
इस फैसले को विस्तार से दिखाने और फ़ैलाने की जरूरत है ताकि ऐसी घटना करनेवाले डरे और न्याय करनेवाले का हौसला बढे। उम्मीद है ऐसे फैसलों का हमारे समाज पर कुछ तो असर पड़ेगा।