जम्मू-कश्मीर पुलिस-कांस्टेबल डार को अगवा कर आतंकियों ने मारा,
लाश कुलगाम से बरामद
आज अहले-सुबह जैसे ही ये खबर फैली कि कुलगाम के परिवन में अपहृत कांस्टेबल जावेद अहमद डार का मृत शरीर पाया गया है तो पूरे देश में मातम सा छा गया। अभी कुछ ही दिनों पहले जाबांज औरंगजेब की हत्या बेरहमी से कर दी गयी थी। देश एक मातम से अभी उबरा नहीं था कि दूसरा आज फिर आतंकियों के नापाक हाथों अपनी जान गवां बैठा। मिली रिपोर्ट के अनुसार जावेद को नजदीक स्थानीय दवा दुकान के पास से उठाया गया था। एक गाड़ी पर बैठा कर जावेद अहमद डार को आतंकवादी किसी अज्ञात जगह पर लेकर गए।बीते गुरुवार को डार को शाम करीब 5 बजे अगवा किया गया था। पास ही कांस्टेबल जावेद अहमद डार का निवास स्थान भी था। जम्मू और कश्मीर में इस समय चल रहे ऑपरेशन क्लीन से परेशान आतंकवादियों ने यह कदम उठाया है
जावेद अहमद को शोपियां के कचदूरा गांव की एक मेडिकल की दुकान से अगवा किया गया। वे पूर्व एसएसपी शैलेन्द्र मिश्रा की सुरक्षा में तैनात थे।ज्ञात हो कि कचदूरा में इस साल एक एनकाउंटर में पांच आतंकी मारे गए थे।
आतंकवादियों ने 14 जून को सेना के जवान औरंगजेब को कलमपोरा से अगवा किया गया था। उसके बाद उनकी हत्या कर दी थी। वे अपने गांव ईद मनाने के लिए गए थे। औरंगजेब की हत्या करने के पहले आतंकवादियों ने उनका एक वीडियो भी बनाया था। इसमें आतंकवादियों ने उनसे कई सवाल पूछे थे। वे 44 राष्ट्रीय राइफल के साथ शोपियां के शादीमर्ग में तैनात थे। आतंकी पहले भी छुट्टी पर आने वाले जवानों को निशाना बना चुके हैं। मई 2017 में सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज की आतंकियों ने अगवा करने के बाद हत्या कर दी थी। 22 साल के उमर अपने रिश्तेदार की शादी समारोह में शामिल होने शोपियां पहुंचे थे। 2017 में शोपियां के ही टेरिटोरियल आर्मी जवान इरफान अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्हें भी घर से ही अगवा किया गया था।