जदयू के राज्य सभा सांसद हरिवंश सिंह बने राजयसभा के उप सभा पति
राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए हुए चुनाव में एन डी ए ने बाजी मार ली है। विपक्ष के हरिप्रसाद को हराकर हरिवंश सिंह राज्यसभा के नए उपसभापति बन गए है।हरिवंश राज्यसभा में पीजे कुरियन की जगह लेंगे। वोटिंग में हरिवंश को कुल 125 वोट मिले है.तो वही कांग्रेस के हरिप्रसाद को 105 वोट मिले है।संसद में कुल 222 सांसद मौजूद थे. ऊपरी सदन में सबसे पहले ध्वनिमत से वोटिंग कराई गई. लेकिन ध्वनिमत से फैसला नहीं हो सका। इसलिए वोटिंग फिर से करनी पड़ी। जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश को बधाई दी।राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद में उन्हें बधाई दी।
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बाद ये बड़ा परिणाम जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठवन्धन को मिला तो काफी सुकून मिला,क्योंकि वोटिंग से पहले लग रहा था मुकाबला कांटे की टक्कर का है। संसद के मौजूदा सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष को तब झटका लगा था जब उनकी तरफ से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। उस समय विपक्ष को उम्मीद से भी कम वो ट मिले, जबकि, सरकार ने एआईएडीएमके को भी साथ लाकर बड़ी जीत दर्ज की। .अब जबकि एक दिन बाद संसद के मॉनसून सत्र का अवसान हो रहा है, तब राज्यसभा के भीतर इस तरह विपक्ष की हार से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में विपक्ष के सामने मुश्किलें और बढने वाली हैं।
हलाकि शुरू से अंत तक विपक्ष किसी एक उम्मीदवार पर एकमत नहीं हो पाया था ,एक समय था जब एन सी पी की वंदना के बारे में मान लिया गया था कि विपक्षी एकता में अहम् रोल निभानेवाले शरद पवार की बातें मान ली गयी है लेकिन अगले ही दिन कांग्रेस ने वी के हरिप्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाकर पवार को बड़ा झटका दे दिया,ऐसे में ये जाहिर है कि आने वाले दिनों में गठवन्धन की दीवार बहुत मजबूत नीव पर नहीं कड़ी होने जा रही। और एन डी ए की यहॉ सबसे बड़ी जीत है। विपक्ष एक जुट नहीं हो पाए ये करने की जरूरत एन डी ए को नहीं पड़ी और जिसतरह से अमित शाह ने मजबूत पारी खेली उसमे अपने सहयोगियों के मन की दुविधा को दूर करने में सफलता पायी उससे तो यही लगता है कि आनेवाले दिनों में विपक्ष को बहुत बड़ी सफलता नहीं मिलने जा रही। खास तौर से बीजेडी और टीआरएस के हरिवंश के समर्थन मे वोट करने से साफ हो गया कि बीजेपी के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होने वाली है। बीजेपी नेता 2019 के चुनाव से पहले इसे मोदी सरकार बड़ी जीत बता रहे हैं। उनका दावा है कि विपक्ष जितनी भी आलोचना कर ले, सरकार की आर्थिक नीति से लेकर विकास की नीतियां सफल रही हैं,जिसका जिक्र आईएमएफ से लेकर और भी कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां कर रही हैं।
ये भी सही है जो जीता वही सिकंदर फिलहाल एन डी ए मौज में तो है और दूसरी तरफ विपक्ष खासकर कांग्रेस सदमे में। ऐसे में अब कांग्रेस नेतृत्व को अपने रवैये में भी बदलाव लाना होगा जिसमे 2019 के संग्राम के लिए अपने बहुत सारे हितों को कुर्बान करे और सम्भावी साथियों को सम्मानजनक तरीके से अपने साथ जोड़कर अपने विरोधी को मजबूत चुनौती दे सके।