नई दिल्ली। स्विस बैंक में भारतीयों के जमा पूंजी में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की रिपोर्ट सामने आने के बाद से मोदी सरकार घिर गई है। जिस कालेधन को खत्म करने का दावा कर भाजपा ने 2014 में सरकार बनाई अब उसी मुद्दे पर वो घिरती जा रही है। वहीं कांग्रेस को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया। कांग्रेस इस मुद्दे को उछालने में जी-जान लगा रही है को सरकार स्विस बैंक की रिपोर्ट पर लीपापोती कर रही है। पहले वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सफाई दी, लेकिन जब उनकी सफाई से काम नहीं बना तो स्वास्थ्य लाभ कर रहे अरुण जेटली को अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए सफाई देनी पड़ी। सरकार जानती है कि कालेधन का मुद्दा उनके लिए 2019 में घातक हथियार साबित हो सकता है। ऐसे में सरकार इस मुद्दे को जल्द से जल्द निपटाने के मूड में दिख रही है। जेटली ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि स्विस बैंक की रिपोर्ट के आधार पर सरकार पर आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को बेसिक फैक्ट्स की जांच कर लेनी चाहिए।
फेसबुक पोस्ट के जरिए जेटली ने कहा कि स्विस बैंक में जमा भारतीयों के सारे पैसे ब्लैकमनी नहीं है। उन्होंने कहा कि ये मानना कि भारतीयों ने कर चोरी के लिए स्विस बैंक में रकम जमा किया है तो ये पुरानी बात हो गई। उन्होंने कहा कि स्विस बैंक में जमा भारतीयों की अधिकांश रकम ऐसे भारतीयों के हैं, जो विदेशों में रहते हैं और ये कालाधन नहीं हैं।
जेटली ने कहा कि स्विट्जरलैंड स्विस बैंकों में रखे पैसे की डिटेल अगले साल जनवरी में मिल जाएगी। उन्होंने लिखा कि स्विट्जरलैंड और भारत सरकार के बीच इसे लेकर पहले ही समझौता हो चुका है। जनवरी, 2019 से भारत को भी स्विस बैंक में जमा भारतीयों की रकम की जानकारी मिलने लग जाएगी।