नई दिल्ली। 31 अक्टूबर को भारत ने दुनिया के सामने एक विशाल मिसाल पेश की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया की सबसे भंची प्रतिमा का अनावरण किया। सरदार पटेल की ये प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा में है। इस प्रतिमा का उद्घाटन एक भव्य कार्यक्रम के साथ किया गया। जहां एक तरफ इस अनावरण के दौरान हर किसी की नजर प्रतिमा पर थी तो दूसरी सोशल मीडिया ने इसमे ऐसी कमी ढूंढ निकाली जिसे खुद सरकार ने स्वीकार किया है।
जी हां विश्व की इस सबसे विशाल प्रतिमा में छोटी सी गलती सामने आ गई। दरअसल प्रतिमा के उद्घाटन के वक्त यहां पर इस प्रतिमा के नाम को अलग-अलग भाषाओं में लिखा गया था। इसे अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, गुजराती, तमिल सहित कुल 10 भाषाओं में लिखा गया था। सब तो ठीक था, लेकिन तमिल में लिखे गए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की स्पेलिंग में गलती थी। सोशल मीडिया पर लोगों ने फौरन ही इस गलती को पकड़ ली और इस पर कई मीम तक बना दिए। लोगों ने गूगल ट्रांसलेशन के जरिए नाम की स्पेलिंग को साझा किया और इसमे गलती को उजागर किया।
#statueofunity #tamil #தமிழ்
translation,
statue of unity;ஒற்றுமை சிலைtransliteration,
statue of unity;ஸ்டாட்யூ ஆப் யூனிட்டி pic.twitter.com/tLbmHVvddv— vijayakumar ponniah (@vijayakumar1234) October 30, 2018
शिलापट पर गलत लिखे गए नाम को जहां कुछ लोगों फर्जी तस्वीर कहकर इसे खारिज कर रहे थे तो वहीं गुजरात सरकार से भी इसकी पुष्टि करते हुए भूल को स्वीकार किया। गुजरात सरकार ने दी सफाई सरकार ने दी सफाई सरकार की ओर से कहा गया कि हमने इस पूरे कार्यक्रम का प्रबंधन एक प्राइवेट कंपनी को दिया था। जब हमे इस बात की जानकारी दी गई तो हमने तुरंत शिलापट को हटवा दिया है। अब सही नाम के साथ फिर से शिलापट को लगाया जाएगा।
#ஸ்டேட்டுக்கேஒப்பியூனிட்டி Google Translate Is Much More Better Than Central Govt Translators pic.twitter.com/tdQrUufTZt
— Sattar Shaikh (@shaikhsattar113) October 31, 2018