श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मुकुट बिहारी मीणा का पार्थिव शरीर जब उनके गांव झालावाड़ पहुंचा। राजस्थान के झालावाड़ जिले के खानपुर गांव में पूरे सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। उनकी 5 महीने की बेटी ने मुखाग्नि दी। वो दृश्य बेहद मार्मिक था जब पांच माह की बेटी , जो अपने पिता को ठीक से देख भी नहीं पाई थी, उनके साथ खेल तक नहीं पाई थी वो अप ने पिता को अंतिम विदाई दे रही थी। जब पिता का शव कॉफिन में गांव पहुंचा तो उस बच्ची को पता भी नहीं था कि अब वो दोबारा अपने पिता से कभी नहीं मिल पाएगी।
मासूम बच्ची कॉफिन पर बैठ गई। पता नहीं उसे क्या महसूस हुआ और वो तिरंगे में लिपटे अपने पिता के शव पर लेट गई। शायद उसे अहसास हो गया था कि अब वो अपने पिता की गोद में कभी बैठ नहीं पाएगी। कभी उनके कंधों पर चढ़कर गांव की सैर नहीं कर पाएगी। जिस पिता को उसके जन्म के वक्त चंद घंटों के लिए देखा था जब दूसरी बार मिली तो वो देश के लिए शहीद हो चुके थी। पिता के शव पर 5 महीने की बेटी को लेटा देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई। भावनाओं को समंदर मन में उठने लगा। सवाल उठने लगे कि आखिर इस बच्ची का क्या दोष? क्यों इस बच्ची के साथ ऐसा हुआ? आखिर कब तक आतंक की लड़ाई इन मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठता रहेगा? सवाल सबके मन में थे, लेकिन कोई उस बच्ची के अनकहे सवालों का जवाब नहीं दे पा रहा था। सबकी निगाहें बस उस अबोध बच्ची के दर्द को देखकर आंसू बहा रहे थे। वहां मौजूद झालावाड़ के जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने बच्ची की भावनाओं को देखकर उसके लिए एक खुला खत लिखा। जिला कलेक्टर ने अपने फेसबुक पेज पर शहीद की बदाहुर बेटी के लिए भावुक पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि बेटी आप बड़े होकर अपने पिता की शहादत को अपना नूर और गुरूर बनाना।
अपने पत्र में उन्होंने उस दृश्य के बारे में लिखा जब कॉफिन में बंद तिरंगे में लिपटी शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा और उनकी नन्हीं बच्ची जो पिता को ठीक से पहचान भी नहीं पाई थी वो उस कॉफिन पर बैठ गई, उस पर लेट गई। इस मार्मिक दृश्य ने सबको भावुक कर दिया। अपने ओपन लेटर में उन्होंने उस पल को बयां किया जो उन्होंने महसूस किया था। उन्होंने लिखा कि बिटिया आरू, जब आप बड़े होकर देश के शहीदों के बारे में सुनोगी तो तुम्हें गर्व होगा। आप भले ही अपने पिता की अंगुली पकड़कर बड़ी नहीं होगी मगर उनकी शहादत के किस्से आपको रोज सुनने को मिलेंगे। जब पिता की याद आएगी तो बस ये याद रखना कि तुम्हारे पिता की तरह देश के लिए कुर्बान होने का गौरव सबका नसीब नहीं होता। उन्होंनवे फेसबुक पर अपने पोस्ट में लिखा कि आपके साथ पूरे देश का आशीर्वाद है। हालांकि बाद में उन्होंने इस पोस्ट को अपने पेज से हटा लिया।