नई दिल्ली। एक विदेशी महिला पत्रकार के ट्वीट ने जम्मू कश्मीर की घाटी में सियासी हलचल मचा दी है। महिला पत्रकार ने ट्वीट किया कि वो कश्मीर हैं, लेकिन उन्हें यहां रिपोर्टिंग करने की मनाही है। इस ट्वीट के बाद सियासी तापमान बढ़ गया। दरअसल वॉशिंगटन पोस्ट की भारतीय ब्यूरो चीफ एनी गोवेन ने ट्वीट किया कि वो अपनी दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए कश्मीर में हैं, लेकिन उन्हें वहां रिपोर्टिंग नहीं करने दिया जा रहा है। उन्होंने इसकी वजह बताई कि चूंकी उन्बें विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा विदेशी पत्रकारों के दी जानी वाली आवश्यक विशेष मंजूरी नहीं मिली इसलिए वो घाटी में रहते हुए भी रिपोर्टिंग नहीं कर सकती है। उन्होंने से भी लिखा कि इसके लिए उन्होंने 22 जून को ही आवेदन किया था, लेकिन अब तक उन्हें वो मंजूरी नहीं मिल सकी।
एनी के इस ट्वीट के बाद घाटी का सियासी तापमान बढ़ गया। राजनीतिक दलों को इसके जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि क्या जम्मू एवं कश्मीर के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सरकार विदेशी संवाददाताओं को राज्य में स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करने की इजाजत देने से डर रही है। वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि यह दिल्ली की निराशा को दर्शाता है कि वह कश्मीर की सच्चाई लेकर जाने वाली सही रिपोर्ट को विदेशी मीडिया से दूर रखा जा रहा है।
आपको बता दें कि साल 1990 से विदेशी मीडिया को कश्मीर में रिपोर्टिंग करने के लिए गृह मंत्रालय की अनुमति लेनी होती है। इस बारे में 22 मई 2018 को विदेश मंत्रालय ने सभी विदेशी समाचार संस्थानों को पत्र भेजकर सूचित कर दिया था कि विदेशी मीडिया संस्थानों के पत्रकारों को अब जम्मू कश्मीर जाने से 8 हफ्ते पहले लिखित आवेदन देना होगा।