आखिर चीज क्या है मनीषा ,कैसे सम्मोहन से खींचती है सफेदपोशों को ?
कभी सियासी भूचाल तो कभी आश्रयगृहों में रह रहीं बच्चियों के साथ ज्यादतियों को लेकर इनदिनों बिहार सुर्खियों में हैं। ताजा मामला पटना आसरा गृह में दो लड़कियों की मौत का है। लड़कियों की मौत के बाद संस्था के संचालक चिन्तन और संचालिका मनीषा दयाल को गिरफ्तार तो कर लिया गया है। लेकिन महज कुछ सालों में मनीषा कैसे बुलंदियों तक पहुंची उनका यह सफर भी काफी रोचक रहा है। फिलहाल, मनीषा दयाल की बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक (जेडयू), पूर्व मंत्री शिवचन्द्र राम (आरजेडी ) और आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के साथ तस्वीर वायरल हो रही है।
पटना का आसरा होम तो यूँ बना था बेसहारा पीड़िताओं और लाचार महिलाओं और लड़कियों के लिए लेकिन इस आसरा होम को किन किन सफेदपोशों को मिला हुआ था सहारा इसकी फेहरिस्त लम्बी होती जा रही है? पहले तो पटना आसरा गृह की सर्वेसर्वा मनीषा के रिश्ते मुजफ्फरपुर के ब्रजेश ठाकुर से जुड़ते पाए गए। अभी ये रिश्ता सही तरीके से विश्लेषित भी नहीं हुआ था कि मनीषा से मदहोश होनेवाले कई और लोगों के रिश्ते की महक मीडिया और पुलिस को लगने लगी। अब मीडिया और पुलिस का शिकंजा इन सफेदपोश हस्तियों की नींद उड़ा रहा है। जो मदहोश नेता-हस्ती मनीषा के दरवाजे पर जाकर फूले नहीं समाते थे ,मनीषा के जुल्फों के साये में एक पिक खिंचवाकर गौरवान्वित होते नहीं थकते थे ,वही अब मनीषा के करंट से थरथरा रहे हैं।
धुआं यूँ ही निकलता ,आग तो कहीं है ही ?
दरअसल मनीषा के गिरफ्त में आने के बाद से ही कुछ-कुछ लगा ,बाकि रहा-सहा कसर सोशल मीडिया ने पूरा कर दिया। पुराने व्हाट्सप और फेसबुक चमक उठे और रंगीन तस्वीरें पाप की कई कलयियों को खोलती पब्लिक डोमेन में आने लगी है। ग्लैमर की दुनिया से ताल्लुक रखने वाली मनीषा दयाल की गिरफ्तारी के बाद कुछ चौंका देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। जेडीयू नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक के साथ मनीषा दयाल की तस्वीरें है। इसके अलावा शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा भी एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मनीषा के साथ देखे जा सकते हैं।इसके अलावा मनीषा दयाल के साथ अब्दुलबारी सिद्दीकी और उनके परिवार के साथ गाढ़ी मित्रता की बातें आ रही है।
बिहार सरकार में मंत्री व बीजेपी नेता विनोद नारायण झा के साथ भी मनीषा की तस्वीर सामने आई है। वहीं, पूर्व मंत्री व राजद नेता शिवचंद्र राम के साथ भी उसकी तस्वीर है। इससे यह साफ है कि मनीषा के संबंध राज्य के सत्ता दल के साथ ही विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी रहे हैं।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड में बचे भूचाल के बाद बच्चियों की आश्रय गृह में मौत ने एकबार फिर इन अनाथ आश्रमों में रहने वाली बच्चियों की स्थिति को लेकर संदेह की सूई घूम रही है। माना ये भी जा रहा है कि मनीषा की राजनीतिक पैठ गहरी थी। जबकि आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र और कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने बयान दिया है कि नेताओं के साथ कोई भी तस्वीर ले सकता है।
कौन है मनीषा दयाल ?
मनीषा पटना की जानी मानी समाज सेविका रही हैं और अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन ( एएचआरएफ) की सचिव मनीषा दयाल को बिहार की आयरन लेडी और युवाओं की प्रेरणाश्रोत माना जाता रहा है। मनीषा अपने बारे में कहती रही हैं कि मौके मिलते नहीं, बनाये जाते हैं । यही नहीं उनका मानना रहा है कि कामयाबी हम तक नहीं आती, हमें कामयाबी तक जाना होता है।मनीषा दयाल सिर्फ पटना आसरा गृह नहीं बल्कि कई और भी एनजीओ चलाती हैं।आसरा होम्स को चला रही हैं और अनुमाया हयूमेन रिसोर्सेज फाउंडेशन की निदेशक हैं। मनीषा दयाल एनजीओ आत्मा फाउंडेशन की बोर्ड में सदस्य हैं, भामा शाह फाउंडेशन ट्रस्ट एनजीओ की कमिटी में है। स्पर्श डी एडीक्शन एंड रिसर्च सोसायटी में काउंसलर हैं। इससे पहले मनीषा दयाल नव असत्तिव फाउंडेशन की प्रोजेक्ट मैनेजर रह चुकी हैं। कुल मिलाकर मनीषा ने अपनी एक अलग माया की दुनिया बना रखी थी जिसंकी छाया में कई लोगों का नाम आ रहा है अब देखना ये है कि मनीषा और उसके शागिर्द अब और किस किस की बखिया उधेड़ते हैं ?