विदेश मंत्रालय बनाएगा नया कानून,जब्त होंगे विदेश भागनेवाले एन आर आई दूल्हों की संपत्ति
अब विदेश भागनेवाले एन आर आई दूल्हों को कानून की जद में लेने की कवायद शुरू हो रही है। अब धोखे में दुल्हनों को नहीं रखा जा सकेगा। ऐसा होनेवाला है विदेश मंत्रालय की पहल से। ऐसा विदेशमंत्री सुषमा स्वराज का कहना है।
एक कार्यक्रम में सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत में ऐसी दुल्हनों की तादाद काफी है जिसे एन आर आई दूल्हों ने यहाँ छोड़ रखा है। इस तरह के मामले पुलिस और विदेश मंत्रालय के सामने काफी तादाद में आ रहे हैं। ऐसे में एक कानून लेकर भारत में भगोड़े दूल्हों के मौजूद संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा।
सुषमा स्वराज ने राज्य महिला आयोग,महाराष्ट्र द्वारा आयोजित एक सेमिनार में भाग लेते हुए कहा। श्री मति स्वराज ने कहा कि ‘सम्मन एवं वारंट अगेंस्ट इंडियन पीपुल्स लिविंग अब्रॉड’नाम से जो कानून बनाने की योजना है उसे चालू सत्र में ही पेश करने की कोशिश की जाएगी।यदि अभी ऐसा संभव नहीं हुआ तो अगले सत्र में इसे कानून का रूप अवश्य दे दिया जायेगा। उन्होंने कहा, इस कानून में यह प्रावधान भी रहेगा कि विदेश में रहने वाले किसी भारतीय को अगर समन या वारंट भेजना हो तो उसे मंत्रालय की समर्पित वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। यहां पर प्रकाशित होने के बाद यह माना जाएगा कि वारंट-नोटिस संबंधित व्यक्ति ने इसे पढ़ लिया है।
इस नए कानून के लिए सम्बंधित मंत्रियों से भी विचार विमर्श कर सहमति ले ली गयी है। खासकर गृह-मंत्रालय,महिला एवं बल-विकास मंत्रालय और कानून मंत्रालय इस नए कानून के मसौदे पर सहमत है।
एक आंकड़े के अनुसार इस तरह की पीड़ित महिलाओं की सबसे बड़ी तादाद पंजाब और हरियाणे से है,इसके अलावा दक्षिण के राज्यों में भी इस तरह की पीड़िताओं की संख्या बहुत बड़ी है।
हलाकि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ये नियम बना रखा है कि इस तरह की शादियां जहाँ भी होती हैं उनका निवन्धन आवश्यक है,फिर भी बहुत सारे ऐसे मामले हैं जिसमे इस तरह दूल्हे शादी तो देश आकर कर लेते हैं पर बाद में झांसा देकर पत्नी को छोड़ विदेश भाग जाते हैं।
जालंधर की 29 वर्षीया सरिता के साथ भी ऐसा ही धोखा हुआ। पति शेखर मेलबोर्न में रहता था। शादी तो पंजाब आकर कर लिया पर एक साल बाद ही सरिता को छोड़ दिया। सरिता न्याय के लिए दर-दर भटकती रही। जालंधर एन आर आई सेल का मामला है ये। ये अकेला मामला ऐसा नहीं है। अभी पंजाब में लगभग 15 हजार दुल्हने अपने-अपने पति का इंतज़ार कर रही है। या यूँ कहे 15 हजार दूल्हों ने अपनी दुल्हनों के साथ ठगी की है।
वर्ष 2017 के दिसंबर माह में राज्य सभा में एक सवाल 655 विदेश मंत्रालय में रखा गया था जिसमे पूछा गया था कि विदेश मंत्रालय ने पति द्वारा छोड़े गए पत्नियों के लिए मंत्रालय ने क्या किया है ?उनकी सुरक्षा की क्या योजना है,पिछले तीन सालों में इसका आंकड़ा क्या है ?ऐसे शिकायतों पर मंत्रालय ने क्या कार्रवाई की है ?इन सवालों के जबाब में मंत्रालय ने कहा था कि 2015 से लेकर 2017 के 30 नवम्बर तक 3388 मामले भारतीय महिलाओं दर्ज कराये गए। 2015 में 796,2016 में 1510 और 2017 में 1022 मामले सामने आये। 3388 मामलों में से 3268 मामलों में महिलाओं को विभिन्न तरीके से मदद पहुंचाई गयी। उन्हें काउंसिलिंग के द्वारा गाइड किया गया ,न्यायायिक समन देने और दूसरे विधिक तरीके की जानकारी दी गयी,जिससे विदेशों में रह रहे भगोड़े आरोपी दूल्हों को सूचना देने की कोशिश की गयी,देश में मामला दर्ज़ कराकर लुक आउट नोटिस जारी करने,भारतीय पासपोर्ट को रद्द करने की भी कार्रवाई की गयी। सबसे बड़ी बात ये कि पीड़िताओं को वित्तीय और न्यायिक सहायता दी गयी।
हालांकि इसके बाद और भी हजारो ऐसे मामले हुए हैं जिसमे मामला दर्ज नहीं हो पाया है या फिर अभी भी सैकड़ो दुल्हन इस इंतज़ार में केस नहीं दर्ज करा पायी है कि उसका पति आएगा। लेकिन अब जिस तरह विदेश मंत्रालय ने अपना रुख इस ओर कड़ा किया है उससे तो आशा बनती है कि ऐसी दुल्हनों,जिन्हे अनिवासी-भारतीयों ने छोड़ रखा है उन्हें कुछ न्याय मिल पायेगा और दूसरे भविष्य में शायद इस कानून के बाद दुल्हनों को इस कदर छोड़ना आसान नहीं होगा।