मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के यौन शोषण मामले में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर को जेल अस्पताल से दोबारा बैरक में भेज दिया गया है। जिला प्रशासन ने शनिवार को जेल में छापा मारा था। पुलिस द्वारा की गयी छापेमारी में ब्रजेश के पास से कई आपत्तिजनक सामान मिले थे। ज्ञात हो की गिरफ़्तारी के बाद से ही ब्रजेश लगातार स्वास्थ्य का बहाना बना अस्पताल में समय बिता रहा था। चारो तरफ से जब आवाज उठायी गयी तो प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी। उसे बृजेश के पास तीन पर्चियां मिलीं। इनमें से दो पर्चियों पर 50 से ज्यादा हाईप्रोफाइल लोगों के फोन नंबर लिखे थे। तीसरी पर्ची पर अलग-अलग बैंक खातों में जमा 2.5 करोड़ रुपए की निकासी का हिसाब है।
बताया जा रहा है कि बृजेश के पास मिले नंबरों में से कुछ समाज कल्याण विभाग के अफसरों और नेताओं के भी हैं। जिला प्रशासन की टीम को अस्पताल में दो मोबाइल भी मिले हैं। इस बीच सी बी आई की टीम मुजफ्फरपुर ब्रजेश के ठिकाने पर भी गयी और ब्रजेश के बेटे राहुल को हिरासत में लेकर पूछताछ किया।
मामले की जांच के लिए शनिवार सुबह सीबीआई और केंद्रीय एफएसएल की टीम बालिका गृह पहुंची थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यहां बृजेश के बेटे राहुल आनंद को हिरासत में लेकर पूछताछ की। बाद में उसे छोड़ दिया। सीबीआई और सीएफएसएल की टीम में 18 सदस्य थे। इन्होंने बालिका गृह में केमिकल और आधुनिक मशीनों की मदद से किशोरियों से दुष्कर्म और यौन शोषण के साक्ष्य जुटाए। फोरेंसिक टीम के लोगों ने बहुत ही बारीकी से उस पूरे कैंपस की तलासी ली जहाँ इतना बड़ा खेल खेले जाने का उद्भेदन हुआ था। लोकेशन से किशोरियों के कपड़े, बेडशीट और फाइलें जब्त की गईं। सीबीआई ने परिसर में किशोरी की लाश तलाशने के लिए जेसीबी मशीन बुलवाई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई को बालिका गृह से कुछ फाइलें मिली हैं,जिसके द्वारा बड़ा खुलासा हो सकता है और बड़े बड़े नामों का खुलासा इससे हो सकता है। इनमें अक्टूबर 2013 से मई 2018 तक यहां आई 471 किशोरियों के बारे में सारा विवरण दर्ज है। बालिका गृह को मिली वित्तीय मदद की जानकारी भी मिली हैं। बालिका गृह की सबसे ऊपरी मंजिल पर छोटा अस्पताल बना था। बताया जा रहा है कि यहां किशोरियों का इलाज किया जाता था।