परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दोनों ने की शुदकुशी, छोड़ा 17 पन्ने का सुसाइड नोट, कर्ज से बोझ से दबा था परिवारनई दिल्ली। मूल रूप से बिहार के रहने वाले एक परिवार के 7 लोगों का शव उनके घर में मिला है। कर्ज के बोझ से दबे इस परिवार के सातों सदस्यों ने खुदकुशी कर ली है। झारखंड की राजधानी रांची में कर्ज से परेशान झा परिवार के सात लोगों की आत्महत्या का मामला सामने आया है। मूल रूप से ये परिवार बिहार में मुंगेर जिले के चिरैयाबाग के रहने वाले थे, लेकिन लंबे वक्त से आर्थिक परेशानी से जूझ रहे थे। कांके थाना क्षेत्र के आरसंडे में कोल्ड स्टोरेज के समीप रहने वाले दीपक झा ने अपने पूरे परिवार के साथ खुदकुशी कर ली। दीपक मेडिसिन कंपनी में कार्यरत थे। दीपक के पिता रेलवे से रिटायर्ड थे। घर में उनकी पत्नी सोनी देवी, भाई रूपेश झा, माता, पिता, एक बेटा जंगू और बेटी दृष्टि रहते थे। परिवार बड़ा था और खर्च ज्यादा। कमाने वाले अकेले दीपक थे। भाई रुपेश बेरोजगार था। बेटा जंगू लंबे वक्त से गंभीर बीमारी की चपेट में था। उसके इलाज के लिए दीपक ने 20 लाख रूपए तक खर्च कर दिए और ये खर्च जारी था।
सैल्समैन की नौकरी करने वाले दीपक झा परिवार के खर्च और कर्ज के बोझ से दबते जा रहे थे। जब उनकी हिम्मत टूट गई तो उन्होंने अपने साथ-साथ पूरे परिवार के साछ खुदकुशी का फैसला किया। हादसे का खुलासा उस वक्त हुआ जब सोमवार को दीपक की बेटी दृष्टि की स्कूल कैब उसे लेने आई। कैब ने कई बार हॉर्न बजाया, लेकिन घर से कोई नहीं निकला। फिर पड़ोस में रहने वाले बच्चे ने घर में झांक कर देखा तो चिल्लाने लगा। परिवार के सभी लोग मृत पड़े थे। सभी का शव बिस्तर पर पड़े थे। फौरन मकानमालिक और पुलिस को खबर दी गई।
मकानमालिक ने बताया कि दीपक ने 4 महीने से किराया भी नहीं भरा था। पड़ोसियों के अनुसार, दीपक झा बेटे की बीमारी को लेकर काफी परेशान थे। बेटे के इलाज के लिए कई लोगों से पैसे कर्ज पर लिया था। कर्ज के कारण काफी तनाव में थे। उन्होंने बेटे के इलाज पर करीब 20 लाख खर्च किए थे, लेकिन फिर भी बेटा ठीक नहीं हो पाया। जिसके बाद परेशान होकर दीपक ने यह कदम उठाया। पुलिस को दीपक झा की ओर से लिखा गया सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमे आर्थिक तंगी की बात लिखी गई है।