नई दिल्ली: प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर का बहुत बुरा हाल है.दिल्ली-एनसीआर का देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में नाम आता हैं,क्योंकि पंजाब और हरियाणा की हवा का रूख सीधे दिल्ली की तरफ होता है इसलिए फसलों के अवशेष जलाए जाने का सीधा असर दिल्ली पर पड़ता है यही वजह है कि अगले कुछ दिनों में प्रदूषण और बढ़ने के आसार हैं. ऐसे में अगर इस प्रदूषण को रोका ना गया तो हवा में PM 2.5 के स्तर में इजाफा हो सकता है।नवंबर महीने में स्मॉग की समस्या बहुत ही बढ़ जाती है. एक और अहम बात यह है कि पराली तो पहले भी जलाई जाती थी, लेकिन उसका समय अक्टूबर महीने का होता था। दरअसल नवंबर में हवा धीमी हो जाती है जिससे पराली जलने के कारण पैदा हुआ धुआं हवा में उड़ नहीं पाता है यही वजह है कि सर्दियों का मौसम शुरू होते ही स्मॉग बढ जाते है। इस बात का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि आम दिनों में दिल्ली में PM 2.5 का स्तर 50 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होता है, जबकि नवंबर की शुरुआत में यह 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो जाता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार सिर्फ पराली ही नहीं इसके अलावा 95 लाख स्थानीय वाहनों, इंडस्ट्रीज और कंस्ट्रक्शन भी जिम्मेदार हैं। स्मॉग की समस्या से निपटने के लिए कुछ अहम बातों पर भी विचार करना होगा. पराली की समस्या से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान को लागू करना होगा जिससे दिल्ली समेत हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान, हिमाचल में धान की पराली जलाने से हुए प्रदूषण के कारण जो लोग बीमार पड रहे हैं उस पर नियन्त्रण किया जा सके और साथ ही पराली किसानों की तंगहाली दूर करने का जरिया बने।दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण मामले में गुरुवार यानि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.आज से 10 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण कार्य बंद रहेंगे. स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट बंद रहेंगे.