तेजप्रताप का नया सियासी स्क्रिप्ट,सत्तू पार्टी में मिलेंगे जनता से
पहले सन्यास लेकर मथुरा वृन्दावन जाने का एलान,फिर पत्नी को साईकल की सवारी,उसके बाद रुद्रावतार में आने का उदघोष,फिर चाय पार्टी कर फेसबुक द्वारा सियासत से किनारा करने की ख़बरों से मीडिया और लोगों के बीच सुर्खियां बटोरनेवाले चारा घोटाले के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप ने एक बार फिर नया एलान किया है। इस बार तेजप्रताप चाय या फिल्म की बात नहीं करेंगे,बात तो करेंगे जनता की और सियासत की, लेकिन साथ में होगा बिहार का हॉर्लिक्स कहा जाने वाला लोकप्रिय पेय सत्तू।
वही सत्तू जिसे पहले बड़े और पैसे वाले लोग हिकारत और तुच्छ नजरों से देखते थे। कहा जाता था कि सत्तू मजदूरों,दिहाड़ी पर काम करनेवालों का खानेवाला सामान होता था। लेकिन अब सत्तू महानगरों समेत विदेशों में भी खाने की मेज पर जा पहुंचा है। अब एक बार तेजप्रताप इसी सत्तू के जरिये जनता के मिजाज में शीतलता लाने की कोशिश करेंगे। तेजप्रताप बैठेंगे सत्तू और जनता के साथ बिहार के महुआ में।ट्विटर पर अपने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए तेजप्रताप यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तंज कसा और कहा कि वह चाय और गाय की ओछी राजनीति में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहते हैं, बल्कि वह केवल बहाना बनाकर जन सेवा करना चाहते हैं। इसी को लेकर उन्होंने “सत्तू विद तेजप्रताप” कार्यक्रम का आयोजन किया है।
इसके पहले तेजप्रताप चाय पार्टी कर अपने क्षेत्र की जनता का मिजाज जाना था और अपना दुःख दर्द भी रोया था। अब देखना है कि इस बार सत्तू पीने और पिलाने के बाद तेजप्रताप का कौन सा दर्द छलकता है और अपने और जनता के मन से कौन सी बात निकालकर मीडिया को परोसते है? वैसे तेजप्रताप को इस बार सचेत होकर सत्तू पार्टी करनी चाहिए क्योंकि कही कोई विरोधी दल कोई साजिश न के दे। वैसे कहा जाता है कि सत्तू पुराने से पुराने कब्ज को दूर कर देता है ऐसे में कहीं तेजप्रताप के अंदर के मानसिक कब्ज को सत्तू इस बार कहीं ज्यादा ही दूर ना कर दे। हर बार पेंच फंसते ही फिर सफाई देनेको तेजप्रताप निकल जाते थे और इसे चाचा नितीश और भाजपा की करतूत कह खुद को पाक-साफ़ मान लेते थे। बहरहाल थोड़ा इंतज़ार तो करना मांगता है।