सुबह 9 बजे अटल जी के पार्थिव शरीर को दीं दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भाजपा के मुख्यालय में लाकर आम लोगों के दर्शनार्थ रखा जाना था लेकिन लगभग 2 घंटे विलम्ब से पार्थिव शरीर को आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया। दीं दयाल मार्ग पर अटलजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने बड़ी तादाद में लोग आये थे। बच्चे -बूढ़े जवान ,महिलाएं सभी एक नजर भर अटल जी के भौतिक शरीर को देख नम आँखों से विदा करना चाहते थे। आखिरकार वो घडी भी आ गयी जब अटल जी की यात्रा का आखिरी दौर शुरू हुआ ,
लगभग एक बजे के बाद उनके पार्थी शरीर को एक सजे वाहन पर रख यात्रा आरम्भ हुयी। अटल जी के साथ साथ पैदल ही प्रधानमंत्री मोदी जी भी चल रहे थे। आज एक खास विदाई का वक्त था। देश का एक ऐसा बेटा जिसने चुनौतियों और संघर्ष को जिया ,मौत से भी जंग लड़ी और कई बार मौत को भी इनके रास्ते से वापस जाना पड़ा। आखिरकार लाखों की संख्या में अटल जी के चहेतों ने अपने आदर्श युग पुरुष को विदा कर दिया। अटलजी का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। एक चमकता सितारा अस्त तो हुआ पर वो अपनी रौशनी देश वासियों के लिए छोड़ गया।
स्मृति स्थल पर तीनों सेना प्रमुख, रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामगेयाल वांगचुक, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री तिलक मारापना, लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्रद्धांजलि दी। अटल जी की पुत्री नमिता ने अटल जी को मुखाग्नि दी। अटलजी की नातिन निहारिका को सेना ने अटलजी की पार्थिव देह पर लिपटा तिरंगा सौंपा। स्मृति स्थल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सभी दलों के प्रमुख नेता भी मौजूद थे। यमुना किनारे डेढ़ एकड़ जमीन पर अटलजी का स्मृति स्थल बनाया जाएगा।
शुक्रवार को भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामगेयाल वांगचुक ने अटलजी को श्रद्धांजलि दी। नेपाल के विदेश मंत्री पीके ग्यावाल, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हासन महमूद अली, श्रीलंका के कार्यकारी विदेशी मंत्री लक्ष्मण किरीला, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जफर अंत्येष्टि में मौजूद रहे। मॉरिशस ने अटलजी के निधन पर गहरा दुख जताया। शोक स्वरूप मॉरिशस सरकार ने अपना राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरी दुनिया में सम्मान हासिल किया। उन्हें एक ऐसे राजनेता के तौर पर याद किया जाएगा, जिसने रूस और भारत के कूटनीतक संबंधों को मजबूत करने में निजी तौर पर बड़ा योगदान किया।’ श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने ट्वीट किया, “हमने एक महान मानवतावादी और श्रीलंका का अच्छा दोस्त खो दिया।
पाकिस्तान तहरीक-इंसाफ के नेता और प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान खान ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के एक बड़े व्यक्तित्व थे। भारत-पाक संबंधों में सुधार के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। चीन के राजदूत लुयो झाओहुई ने ट्वीट किया- “अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से गहरा दुख पहुंचा है।” भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल में अमेरिका के साथ मजबूत रिश्तों पर जोर दिया।” ब्रिटेन और जापान के राजदूत ने कहा कि वे वैश्विक नेताओं में से एक थे। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के लोगों में भी अटल बिहारी वाजपेयी काफी लोकप्रिय थे।
नरेंद्र मोदी ने अटलजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जाना सिर से पिता का साया उठने जैसा है। इससे पहले उन्होंने ट्वीट में कहा- ‘‘मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटलजी हमारे बीच नहीं रहे। यह मेरे लिए निजी क्षति है। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।’’ सचमुच आज एक युग का अंत होगया।