चाहे वो जया प्रदा को सांसद बनाना हो, या फिर जया बच्चन को राज्य सभा में लाना हो, या फिर संजय दत्त को पार्टी में शामिल करवाना रहा हो, या उत्तर प्रदेश के लिए शीर्ष कारोबारियों को एक मंच पर लाना हो, ये सब अमर सिंह का ही करिश्मा था.दरअसल, मुलायम-अमर के रिश्ते की नींव एचडी देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बनने के साथ शुरू हुई थी। 2008 में भारत की न्यूक्लियर डील के दौरान वामपंथी दलों ने समर्थन वापस लेकर मनमोहन सिंह सरकार को अल्पमत में ला दिया. तब अमर सिंह ने ही समाजवादी सांसदों के साथ साथ कई निर्दलीय सांसदों को भी सरकार के पाले में ला खड़ा किया
जया प्रदा को सांसद बनवाया जया बच्चन को राज्य सभा में लाया संजय दत्त को पार्टी में लाया उद्योगपतियों को एक मंच पर लाया 2008 में मनमोहन की सरकार को बचाया .अमर सिंह अपने इसी गुण के चलते केवल राजनीतिक गलियारों में सीमित नहीं रहे. वे एक ही समय में बॉलीवुड के स्टार कलाकारों के साथ उठने बैठने लगे, देश के शीर्षस्थ कारोबारियों के साथ नज़र आने लगे. बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ अमर सिंह की इतनी बनने लगी कि दोनों एक दूसरे को परिवार का सदस्य मानने लगे. इस लिहाज से देखें तो अमर सिंह राजनीति, ग्लैमर, मीडिया और फ़िल्म जगत को एक कॉकटेल बना चुके हैं. इसलिए जब वे कहते हैं कि मेरा मुंह मत खोलवाइए, कोई नहीं बचेगा, तो सब वाकई में चुप ही रहना बेहतर समझते हैं. लेकिन इन सबके बीच भी विरोधी तो हैं ही और अमर सिंह को करारा जबाब भी देने से नहीं चूकते .
आज अमर सिंह एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं .. उत्तरप्रदेश में एक बड़ी ठाकुर ताकत के रूप में अमर को जाना भी जाता है ..हलाकि वो एक बार लोक सभा चुनाव हार भी चुके हैं ..उनकी अपनी पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो चुकी है .फिर भी अमर की हैसियत और ताकत का अंदाज़ा सभी को है .. कहा तो ये भी जा रहा है कि मुलायम के सबसे प्रिय साथी -भाई शिवपाल को भी जो घुट्टी पिलाई है वो भी अमर की ही देन है … और अब आनेवाले दिनों में कई समाजवादी दिग्गज अमर शिवपाल के इशारे पर bjp का दामन थाम सकते हैं . हालांकि अमर सिंह का एक अतीत ये भी रहा है कि वे जिनके साथ रहे हैं, उनका घर टूटा है. बच्चन भाईयों के अलावा अंबानी भाईयों में भी बंटवारा हो गया है. ये पहलू ‘समाजवादी परिवार’ के साथ भी लागू हुआ और ये कोई जरूरी नहीं कि भाजपा में आने के बाद अमर की अतीत की वजह से bjp में भी कोई टूट ना हो जाये .अमर के कारण अमिताभ बच्चन के परिवार में फुट आयी थी जया बच्चन ने अमर के आदेशों की खिलाफत की राज्य सभा से इस्तीफ़ा नहीं दिया अम्बानी भाईयों में बंटवारा हो गया समाजवादी परिवार में बड़ी फूट आयी अखिलेश ने मुलायम को हाशिये पर धकेला .
अब ये भी देखना लाजिमी है कि अमर सिंह जिस मुहिम के तहत भारतीय जनता पार्टी के मोहपाश में आए हैं वो अमर को अपना मिशन पूरा करने में कितना वक्त लगाता है और यदि एकबार फिर अमर के कारण कोई टूट या विखराव नए घर में आता है तो फिर अमर का अगला शिकार कौन होगा?