अब मौलवी के खिलाफ जारी किया फतवा पीड़िता ने,निकाह-हलाला पीड़िताओं को जान से मारने की धमकी,
बहुविवाह और निकाह-हलाला की पीड़िता को जान से मारने की धमकी मिल रही है। 27 वर्षीय फरजाना को उसके पति ने जान से मारने की धमकी दी है। एक और पीड़िता रानी शबनम को भी ऐसी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हलाला के खिलाफ आवाज उठाने वाली समीना को भी जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। वहीं आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ऐसी धमकियां देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
मंगलवार को इंडियन वूमेंस प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुलंदशहर की रहने वाली 27 वर्षीय फरजाना के अनुसार 24 जुलाई को उसके पति ने फोन किया और धमकी दी। उसके पति ने उससे अपने मुंह बोले पिता से हलाला करने का सुझाव देते हुए,घर वापस आने को कहा। फरजाना का कहना है कि जब उसने हलाला के लिए मना किया तो उसके पति ने उसे मार कर बोरे में बंद कर नदी में फेंक देने की धमकी भी दी।
फरजाना के मुताबिक उसने यह बात अपने वकील को बताई, जिसके बाद पुलिस में मामला दर्ज कराया गया। फरजाना के वकील और सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट विकास नारायण शर्मा ने बताया कि फरजाना ने बहु विवाह और निकाह-हलाला को असंवैधानिक करार देने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है, जिसकी 23 जुलाई को सुनवाई थी। शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान बेंच को सौंप दिया है और अगर जरूरत पड़ी तो वे उसके पति के खिलाफ करवाई का अपील भी करेंगे।शर्मा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने फरजाना की याचिका को मुख्य मामले के साथ संलग्न किया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। उन्होंने सती प्रथा का हवाला देते हुए बताया कि राजा राम मोहन रॉय के प्रयासों से चलते लॉर्ड विलियम बैंटिक ने 1829 में इस कुप्रथा को गैर-कानूनी और दंडनीय घोषित किया। शर्मा ने कहा कि जब हिन्दू धर्म में वक्त के साथ ऐसी कुप्रथा पर प्रतिबंध लग सकता है,तो मुस्लिम धर्म में हलाला जैसी कुरितियों पर अंकुश क्यों नहीं लग सकता। उन्होंने सरकार से तीन तलाक और हलाला पर जल्द से जल्द कानून पास करने की मांग की।
वहीं तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.समीना ने बताया कि उन्हें भी दुष्कर्म और जान से मारने की धमकियां मिली हैं। जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद इलाके के डीसीपी ने उन्हें पुलिस सुरक्षा देने की बात कही है। समीना ने बताया कि 27 जून को ओखला विहार में कुछ लोगों ने उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की थी और अपनी याचिका वापस लेने की बात कह कर उनके बच्चों को जिंदा जलाने की धमकी दी थी। समीना ने ऐलान किया कि जिन मौलवियों ने सामाजिक कार्यकर्ता निदा खान के खिलाफ फतवा जारी किया है, ऐसे मौलवियों के खिलाफ वे भी फतवा जारी कर रही हैं और उनकी दाढ़ी काट कर लाने वाले को 21,786 रुपए का इनाम देंगी।
समीना ने बताया कि एक और तीन तलाक और हलाला पीड़िता रानी शबनम के साथ भी बदसलूकी की जा रही है। उन्होंने बताया कि रानी को कोर्ट जाने से रोकने के लिए उसके ससुरालवालों ने उसके घर के पानी की सप्लाई काट दी है।
गौरतलब है कि पिछले तीन सालों से अपने माता-पिता के साथ रह रही फरजाना ने याचिका में मांग की है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत)-1937 की धारा-दो को असंवैधानिक करार दिया जाए। धारा-दो निकाह-हलाला और बहुविवाह को मान्यता देती है, लेकिन यह मौलिक अधिकारों (संविधान के अनुच्छेद-14, 15 और 21) के खिलाफ है।
गौर तलब है कि हलाला और तीन तलाक पर एक से अधिक मामलों पर सुनवाई चल रही है,इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अभी अभी खतना से जुड़े रिवाज पर तल्ख़ टिपण्णी किया है और इस तरह के मामलों में महिलाओं साथ होनेवाले किसी भी अत्याचार या उसकी अस्मत से जुडी कृत्य पर ये मानने से इंकार किया है जिसके तहत इस तरह के धार्मिक रिवाजों का समर्थन किया जाता है और जायज ठहराया जाता है।
ऐसे में इन दिनों इस्लामिक महिलाओं के साथ इस तरह के मामलों की तादाद काफी बढ़ गयी है और जागरूक महिलाये अपने हक़ के लिए न्याय मांगने आगे भी आने लगी हैं। हाल ही में निदा खान ने भी तीन तलाक और हलाला के खिलाफ गुहार लगाया तो उसके पति और ससुर के खिलाफ करवाई का आदेश बरेली कोर्ट ने दिया था।