दैनिक भास्कर समूह के प्रधान संपादक कल्पेश याग्निक का निधन हो गया। 13 जुलाई को दफ्तर में काम करने के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान उन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ा और रात करीब 2 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कल्पेश याग्निक की मौत ने न केवल उनका परिवार सदमे में है बल्कि मीडिया जगह के साथ- साथ समाज और राजनीतिक जगत की बड़ी हस्तियों ने उनके आस्किमक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
कल्पेश जी का निधन एक अपूरणीय क्षति : अमित शाह
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कल्पेश याग्निक के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट कर कल्पेश जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा है कि -दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक जी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई। कल्पेश जी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उच्च आदर्श स्थापित किए, उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनके शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं वक्त करता हूं।
दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक जी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई। कल्पेश जी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उच्च आदर्श स्थापित किये, उनका निधन एक अपूर्णीय क्षति है । मैं उनके शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं वक्त करता हूं। ॐ शांति शांति शांति @DainikBhaskar
— Amit Shah (@AmitShah) July 13, 2018
कल्पेश याग्निक की आसमयिक मृत्यु से दुख पहुंचा-अशोक गहलोत
कल्पेश जी के निधन पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कल्पेश याग्निक की आसमयिक मृत्यु से दुख पहुंचा। उनके परिवार और दोस्तों के लिए मेरी हार्दिक संवेदना।
आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे-शिवराज सिंह चौहान
कल्पेश याग्निक के निधन पर शोक जताते हुए मध्य प्रदेश के मुख्समंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे। उन्होंने ट्वीट कर अपनी संवेदना जताई और लिखा कि बेबाक लेखन के पर्याय वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को श्रद्धांजलि। राष्ट्रभक्ति के दृढ़ संकल्प से सिंचित प्रखर विचारों से आप हमारे दिल में अमर रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को पीड़ा की इस घड़ी में संबल प्रदान करें
बेबाक लेखन के पर्याय वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को श्रद्धांजलि। राष्ट्रभक्ति के दृढ़ संकल्प से सिंचित प्रखर विचारों से आप हमारे ह्रदय में अमर रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को पीड़ा की इस घड़ी में संबल प्रदान करें।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 13, 2018
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि जाने माने पत्रकार कल्पेश याग्निक नहीं रहे। जानकर गहरा धक्का लगा है। वो मेरे अच्छे परिचित थे। वे अच्छे पत्रकार थे। मेरी उन्हें श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को यह शोक सहने की शक्ति दे।
‘असंभव के विरुद्ध’ आवाज उठाने वाले और पत्रकारिता के ख्यातनाम हस्ताक्षर @DainikBhaskar के समूह संपादक श्री कल्पेश याग्निक जी के निधन का समाचार शोकजनक है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति दें। #KalpeshYagnik pic.twitter.com/7MyCZUMDXX
— BJYM Rajasthan (@BJYM4Rajasthan) July 13, 2018
केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी कल्पेश याग्निक के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। कल्पेश जी का स्वभाव ही ऐसा था कि लोग उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते थे। हर्षवर्धन ने लिखा है कि अचानक मिली इस सूचना से आहत हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुख सहने की शक्ति।
Saddened to hear about the demise of #KalpeshYagnik of @DainikBhaskar. A serious & patriotic journalist, Yagnik would be remembered for his forthright writings. My heartfelt condolences to the family & friends of Yagnik. May his blessed soul rest in peace. ॐ शांति शांति pic.twitter.com/4cQwe0J0Zn
— Dr. Harsh Vardhan (@drharshvardhan) July 13, 2018
कुछ सवाल , जिनके जवाब मिलने बाकी हैं
क्या कल्पेश याग्निक ने काम के दवाब में खुदकुशी की, लेकिन आपको बता दें कि वो उन व्यक्तियों में से नहीं थे, जिनपर काम कभी अपना दवाब बना सके।
क्या किसी दवाब में आकर उन्होंने ये कदम उठाया? -मीडिया जगत में खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि कल्पेश याग्निक जी दवाब में थे। उन्हें एक महिला पत्रकार ब्लैकमेल कर रही थी। अख़बार की नौकरी से निकाले जाने के बाद महिला पत्रकार उन्हें ब्लैकमेल कर मानसिक तौर पर परेशान कर रही थीं, जिससे वह तनाव में चल रहे थे।
गौरतलब है कि याग्निक ने अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा से मिलकर उन्हें आपबीती सुनाई थी कि महिला पत्रकार उन्हें कथित तौर पर धमका रही हैं। उन्होंने एडीजी को एक सूचना पत्र भी सौंपा था, जिसमें उन्होंने महिला पत्रकार की ओर से मिल रही धमकी की जानकारी दी थी। उन्होंने एडीजी अजय शर्मा को सूचना पत्र सौंपकर इस बारे में पूरी जानकारी दी थी कि महिला पत्रकार उन्हें धमकी दे रही हैं कि अगर उन्होंने उन्हें अख़बार की नौकरी पर बहाल नहीं कराया तो वह उन्हें झूठे मामले में फंसाकर बदनाम कर देंगी। महिला उन्हें बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी दे रही थी। उसने याग्निक ने पहले 25 लाख रुपए की मांग की, जब वो 25 लाख देने को तैयार हो गए तो उसकी मांग बड़कर 1 करोड़ और फिर 5 करोड़ हो गई। 5 करोड़ देने से उन्होंने इंकार कर दिया तो महिला पत्रकार ने उन्हें धमकी दी कि वो उन्हें रेप के केस में फंसा देगी। एडीजी के मुताबिक मुलाकात के दौरान याग्निक ने उनसे यह भी अनुरोध किया था कि अगर महिला पत्रकार पुलिस को उनके ख़िलाफ़ कोई शिकायत करती हैं तो इस शिकायत पर किसी तरह का क़ानूनी क़दम उठाए जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाए। याग्निक जी ने उस वक्त महिला के खिलाफ किसी भी तरह का मामला दर्ज नहीं करवाया। उनकी मौत को लेकर अलग-अलग एंगल निकल कर आ रहे हैं। अब पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर हर एंगल की पड़ताल कर रही है। सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या संस्थान ने अपनी छवि बचाने के लिए मामले को दबाने की कोशिश की।