बिहार में अपराधियों को आसानी से मिल जा रही ज़मानत और आए दिन होने वाली अपराध की घटनाएं पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई हैं।ऐसे हालात के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बल्ले-बल्ले है, क्योंकि तथाकथित जंगलराज़ का सारा ठीकरा लालू यादव के सिर पर फोड़ दिया जाता है और वे सुुशासन बाबू बने रहते हैं। जैसे सत्रह साल भाजपा की गोदी में बैठे रहकर भी नीतीश कुमार सुपर-सेक्युलर बने रहे, वैसे ही आजकल राजद की गोदी में बैठने के बावजूद जंगलराज़ के कलंक से वे बचे रह जाते हैं। एक तरफ, वे प्रधानमंत्री पद का सपना देखते हुए उनींदी-सी हालत में है, दूसरी तरफ़ बिहार की जनता कराह रही है- अपराध से, भ्रष्टाचार से, सरकारी निकम्मेपन से।
सवाल है कि बिहार में इस जंगलराज के लिए कौन अधिक ज़िम्मेदार हैं- लालू यादव या नीतीश कुमार? देखिए आज का अनुरंजन बनाम अभिरंजन। एक धुआंधार बातचीत।