क्रिकेट में सट्टा का चलन बढ़ता जा रहा है और इसी संभावना को देखते हुए वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) की गाइडलाइंस के अनुसार चैंपियंस ट्रॉफी से पहले सभी क्रिकेटर्स का डोप टेस्ट किया जाएगा। इस बार के टेस्ट की खास बात यह होगी कि पहली बार डोप टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लिया जाएगा। टेस्ट जून में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से पहले किया जाना है। अभी तक डोप टेस्ट के दौरान क्रिकेटर्स यूरिन सैंपल ही देते थे।WADA के स्मार्ट टेस्ट में इन ब्लड सैंपल का इस्तेमाल ग्रोथ हार्मोन टेस्ट के लिए किया जाएगा।
10 साल तक रखे जाएंगे सैंपल
दुनिया भर में एथलीट्स का ‘एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट तैयार किया जाता है, इस टेस्ट के जरिेए क्रिकेटर्स का ऐसा ही पासपोर्ट तैयार किया जाएगा। किसी एथलीट का बायोलॉजिकल पासपोर्ट उसके ब्लड प्रोफाइल की तरह होता है, जिसे रिफरेंस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।साथ ही BCCI के एक सोर्स ने बताया, “क्रिकेटर्स के ब्लड सैंपल 10 साल तक रखे जाएंगे। प्लेयर से हर 6 महीने में ब्लड सैंपल लिया जाएगा और इसे ओरिजिनल से मैच किया जाएगा। हर 6 महीने में ब्लड प्रोफाइल की स्टडी की जाएगी। अगर किसी बल्लेबाज या गेंदबाज की शानदार अविश्वसनीय परफॉरमेंस देखकर आपको शक हो रहा है तो आप ब्लड सैंपल के जरिए ग्रोथ हार्मोन टेस्ट करके जान सकते हैं कि प्लेयर ने इसके लिए कोई गलत तरीका तो नहीं अपनाया है।