डोनल्ड जॉन ट्रंप, अमेरिका के इतिहास के सबसे उम्रदराज और सबसे विवादास्पद राष्ट्रपति होंगे। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए जाने से लेकर आज चुनाव जीत कर अमेरिका के ऱाष्ट्रपति बनने तक विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार, मौजूदा विदेश मंत्री और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने से चूक गईं।
हिलेरी क्लिंटन के 218 सीट के जवाब में बहुमत के लिए जरुरी 270 सीटों का आंकड़ा पार कर डोनल्ड ट्रंप 276 सीटें हासिल कर अमेरिका के नए राष्ट्रपति बन गए।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रम्प ने अपने कैम्पेन की शुरुआत में ही पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देश बताकर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी। यह भी कहा है- “पाक ने 9/11 के बाद कई बार धोखा दिया है। प्रेसिडेंट बनने पर हर गलती के लिए उसे सजा दूंगा। इससे यह माना जा रहा है कि वह पाक के मामले में लीक से हटकर कुछ फैसला कर सकते हैं। न्यूजवीक के मुताबिक, भारत में अपने बिजनेस को सिक्योर करने के लिए भी ट्रम्प पाक के खिलाफ सख्त हो सकते हैं। पाकिस्तान को अमेरिका से मिल रही आर्थिक मदद में कटौती हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जाहिर हो चुका है कि ट्रम्प रूस को लेकर नरम रवैया रखते हैं। रूसी मीडिया भी ट्रम्प को सपोर्ट कर रहा है। प्रेसिडेंशियल कैम्पेन के दौरान भी रूस ट्रम्प सपोर्टर के रूप में सामने आया था। रूस भारत का भी दोस्त है, इस लिहाज से ऐसा माना जा रहा है कि ट्रम्प चीन के खिलाफ भारत के नैचुरल फ्रेंड हो सकते हैं। वहीं, ट्रम्प ने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ने की चेतावनी दी है। ट्रम्प चीन के तेजी से बढ़ते व्यापार, सिक्युरिटी और प्रभाव को लेकर चिंता जता चुके हैं। चीनियों के नौकरियां हथियाने पर भी ट्रम्प नाराजगी जता चुके हैं।
ट्रम्प ने अपने कैम्पेन में मोदी को महान शख्सियत और खुद को हिंदुओं का बिग फैन बताया है। उन्होंने मोदी की तरह नारा भी दिया है- अब की बार ट्रम्प सरकार। कैम्पेन के दौरान उन्होंने मोदी को भारत का विकास करने वाला बताया। वहीं, भारत की 8% ग्रोथ की तारीफ की। ये भी कहा कि भारत की तुलना में अमेरिका की ग्रोथ महज 3% रही है। ये चिंता की बात है।
ट्रम्प एक नॉन पॉलिटिकल और कारोबारी शख्सियत रहे हैं। 2016 के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन से ही उनकी पहचान बनी। हालांकि, ज्यादातर इंडियन लीडर्स के लिए अब भी वो एक अनजान शख्स हैं। कश्मीर मुद्दे को लेकर पूछे गए सवालों पर वे ज्यादातर चुप नजर आए थे। माना जा रहा है कि इस मसले को वे फिलहाल समझ रहे हैं। एशिया में वे रूस और भारत के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। मिडल ईस्ट (पश्चिम एशिया), अरब और साउथ-ईस्ट एशिया पर भी उन्होंने फिलहाल रुख साफ नहीं किया है।
एक रैली में ट्रम्प ने कहा है- “जीता तो भारत का सबसे अच्छा दोस्त बनूंगा। वहां के लोग और उनका देश शानदार हैं। वहां दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी है।”