साल 2016 के आखिरी दिन परवान पर चढ़ा राजनैतिक दंगल नए साल के पहले दिन महादंगल में तब्दील होता नजर आ रहा है। पारिवारिक पार्टी की कलह के बीच पार्टी महासचिव और अखिलेश यादव के सलाहकार चाचा रामगोपाल यादव ने राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया। सुबह प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव सपा सुप्रीमो से मिलने उनके घर पहुंचे। कल ही अखिलेश ने शर्त रखी थी कि १२ सितंबर के पहले के हालात बहाल हों यानी शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटाया जाए। मुलायम सिंह यादव ने एक पत्र जारी किया जिसमें लिखा गया था कि आज का राष्ट्रीय अधिवेशन जिसे रामगोपाल यादव ने बुलाया है वो असंवैधानिक है।
मुलायम सिंह की अपील को पार्टी के नेताओं औऱ कार्यकर्ताओं ने तवज्जो नहीं दी। भारी संख्या में जनेश्वर मिश्र पार्क में पहुंचे औऱ इस आपात अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बनाने का प्रस्ताव पार्टी महासचिव रामगोपाल ने रखा। उन्होंने अधिवेशन में मौजूद लोगों से हाथ उठाकर इसका समर्थन जताने को कहा, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन जताया।
इस अधिवेशन में तीन और प्रस्ताव भी लाए गए, जिनमें से एक सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को सपा का ‘मार्गदर्शक’ बनाने का प्रस्ताव था। एक दूसरे प्रस्ताव में शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की बात कही गई, तीसरे प्रस्ताव में अमर सिंह को सपा से बर्खास्त करने की बात कही गई। अधिवेशन में मौजूद प्रतिनिधियों ने उत्साह के साथ इन सभी प्रस्तावों के पक्ष में नारेबाजी की और हाथ उठाकर समर्थन जताया। इस तरह शिवपाल यादव की प्रदेश अध्यक्ष पद से और अमर सिंह की पार्टी से बर्खास्तगी हो गई।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो प्रस्ताव पास हुए वह उन लोगों के खिलाफ हैं जिन्हें पार्टी के खिलाफ काम किया है। अखिलेश ने कहा हमारे लिए नेताजी का स्थान सबसे ऊंचा और महत्वपूर्ण है अगर नेताजी के खिलाफ कोई साजिश हो तो उनका बेटा होने के नाते मेरा फर्ज है कि मैं साजिश को सामने लाऊं। अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी का जहां नुकसान होगा वहां कार्रवाई करना पड़ेगा और मैं ऐसा करता रहूंगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी में कई ऐसे लोग हैं जो सरकार बनाना नहीं चाहते हैं, लेकिन सरकार बनेगी तो नेताजी को सबसे ज्यादा खुशी होगी। लोग चाहते हैं कि पार्टी की सरकार एक बार फिर बने इसलिए 3-4 महीने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, ऐसे में पार्टी को नुकसान पहुंचाने को बाहर करना जरुरी था साथ ही उन्होंने पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया कि पार्टी का मनोबल अभी तक कम नहीं हुआ है।