नई दिल्ली। 5 रज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की आय के स्त्रोत का खुलासा हो गया है। इस खुलासे के बाद राजनीतिक दलों की आय को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। उनकी आय के स्त्रोत सवालों के गेरे में आ गए हैं। इलेक्शन वॉच की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2004-05 से 2014-15 के बीच राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की कुल कमाई 11,367.34 करोड़ रुपये रही।
सबसे हैरानी इस बात की इन आयों में आय स्त्रोत को लेकर सवाल खड़े हो गए। दरअसल रानीतिक दलों को होने वाली 11367 करोड़ की आय में से 70 फीसदी आय के स्त्रोत का पता ही नहीं है। यानी इस कुल आय में से लगभग 70 फीसदी आय अज्ञात स्त्रोतों के की गई है, जबकि 16% कमाई ज्ञात दाताओं ने दी और 15% कमाई दूसरे स्रोतों से हुई। रिपोर्ट के मुताबिक आय के मामले में सबसे आगे समाजवादी पार्टी है जिसकी 94% आमदनी अज्ञात स्रोत से है. उसके बाद अकाली दल है, जिसकी 86% आमदनी अज्ञात स्रोत से है, इसके बाद कांग्रेस है, जिसकी 83% आय अज्ञात स्रोत से होती है औरक उसके बाद बीजेपी है, जिसकी 65% आय अज्ञात स्रोत से है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान राष्ट्रीय दलों की आय 313% बढ़ी, जबकि क्षेत्रीय दलों की कुल आय 652% बढ़ी है। रिपोर्ट सामने आने के बाद राजनीतिक दलों को आरटीाई के दायरे में लाने की मांग बढ़ने लगी है, ताकि पार्टी की आय को लेकर पारदर्शिता आए।