राज्यसभा के पूर्व सांसद और मशहूर शायर बेकल उत्साही का शनिवार सुबह दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। वे 88 साल के थे। शुक्रवार को वह दिल्ली स्थित अपने घर के बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया। इसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और शनिवार सुबह उनकी मौत हो गई।
बेकल उत्साही मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के जिले के रहने वाले थे। उनका प्रारंभिक नाम मोहम्मद शफी खान था, लेकिन जीवन की दो अलग-अलग घटनाओं से प्रभावित होकर उन्होंने अपना नाम बेकल उत्साही रख लिया और इसी नाम से अपनी साहित्य-साधना को आगे बढ़ाया।
बेकल उत्साही को पद्म श्री और यश भारती जैसे सम्मानों से नवाज़ा जा चुका था। उनकी कई ग़ज़लें काफी लोकप्रिय हुईं। मसलन- “डॉलर ही किस्मत लिक्खेंगे, रिश्वत के नज़राने होंगे।” कहना नहीं होगा कि बेकल उत्साही की ग़ज़लें मंचों पर समां बांध देती थी।