नोटबंदी के बाद देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अगर किसी की चर्चा हुई तो वो था पेटीएम, पेटीएम कैशलेस ट्रांजेक्शन का एक माध्यम जिसके जरिेए आप किसी भी तरह का भुगतान कहीं से भी और कभी भी कर सकते हैं। जब पेटीएम की शुरुआत हुई थी तो वो एक महज ऐसा माध्यम था जिसके जरिए आप अपने बैंक खातों से अपना पैसा ट्राजैक्ट करते थे। यानी दूसरे ट्रा्ंजैक्शन माध्यम जैसे पे पाल, सीसी एवेन्यू की तरह ही पेटीएम एक माध्यम था। धीरे धीरे वो माध्यम से बैंक की तरह तब्दील होने लगा।
देश में जैसे ही नोटबंदी लागू हुई, अगले ही दिन पेटीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ देश के लगभग सभी बड़े अखबारों में कवर पेज का विज्ञापन दे डाला। पेटीएम के जरिए पेमेंट का खेल शुरु हुआ। कैशलेस हो रहे देश को एक माध्यम मिला, पेटीएम के बाद दूसरी संस्थाएं भी आई लेकिन वो पेटीएम की तरह जगह नहीं बना सकी। पेटीएम को फर्स्ट मूवर एडवांटेज मिला और हमारे देश की पढ़ी लिखी से लेकर अनपढ़ जनता तक ने पेटीएम को एटीएम का सरकारी विकल्प मान लिया।
आंकड़ो की मानें तो नोटबंदी के ५० दिनों में पेटीएम का कारोबार ४०० गुना ज्यादा हो गया। अब पेटीएम महज एक ट्रांजैक्शन माध्यम नहीं रह गया था। अब वो आपके हमारे पैसे अपने पास रखने लगा था। रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी ट्रांजैक्शन कंपनी आपका पैसा अपने बैंक खाते में नहीं रोक सकती अगर उसके पास बैंकिंग का लाइसेंस नहीं है। नोटबंदी के बाद पेटीएम ने इसकी धज्जियां उड़ाई और देश के हजारों करोड़ रुपए अपने खातों में रोक कर रखा । मीडिया सरकार ने तब भी सवाल उठाया था। बिना बैंकिंग लाइसेंस के पेटीएम ऐसा कैसे कर सकता है।
अब जब पेटीएम को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकिग लाइसेंस दे दिया है और पेटीएम अगले महीने से बैंकिंग सेवा शुरु कर रहा है, पेटीएम का वॉलेट बंद हो जाएगा। पेटीएम के इस लाइसेंस मिलने से साफ हो गया है कि अब तक पेटीएम ने जो आम लोगों का पैसा अपने खाते में रखा वो गैरकानूनी था। अवैध तरीके से पेटीएम ने एक ट्राजैक्शन कंपनी का लाइसेंस लेकर बैंक की तरह काम किया। अब पेटीएम ने जानकारी दी है कि अगर ग्राहक कंपनी से आगे जुड़े रहने या नहीं रहने पर 15 जनवरी से पहले कोई जानकारी नहीं देते हैं तो उनका पेटीएम वॉलेट उतनी ही रकम में पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड में ट्रांसफर हो जाएगा और वो पैसा तब तक ब्लॉक रहेगा जब तक आप पूरे कागजात के साथ आप उसकी पुष्टि नहीं करवाएँगे।
अभी तक कैशलेस मनी के बहाने के अवैध तरीके से आम जनता के पैसे अपने खातों में रोकने के आरोप के एवज में जहां पेटीएम से सवाल जवाब पूछना चाहिए था रिजर्व बैंक ने उसे बैंकिंग लाइसेंस दे दिया है। हालांकि शुरुआत में पैसे जमा करने की सीमा कम होगी लेकिन यह धीरे धीरे बढ़ा दी जाएगी। अवैध तरीके से चार्ज करने का आरोपी पेटीेएम अब लाखों लोगों का हजारों करोड़ रुपया अपने पास ब्लॉक कर लेगा और तब तक जारी नहीं करेगा जब तक वो संतुष्ट नहीं हो जाए। इसलिए अब आम जनता के लिए यह खतरे की घंटी है और जल्द से जल्द या तो पेटीएम को सूचित करे कि वो अपने पैसे को उसके बैंकिंग सेवा में ट्रांसफर करना चाहता है या फिर वहां से अपने बचत खातों में वापस ट्रांसफर कर ले।