दिल्ली। नोटबंदी का असर राजनीतिक पार्टियों पर जबरदस्त पड़ा है। 8 नवंबर के बाद से देश के बड़े राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में 84 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों में यह 528.67 करोड़ है। पर भाजपा को मिला चंदा बाकी पार्टियों की तुलना में तीन गुना दर्ज किया गया है। भाजपा के खाते में 20000 से ज्यादा चंदा देने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा, कांग्रेस, सीपीआई और एनसीपी को मिलाकर कुल 473 चंदे का पैन विवरण उपलब्ध नहीं है। करीब 11.68 करोड़ की राशि बिना पैन की जानकारी दिए मिली है। कांग्रेस को 8.11 करोड़ और भाजपा को 2.19 करोड़ बिना पैन की जानकारी के प्राप्त हुआ है।
रिपोर्ट में एक और रोचक जानकारी सामने आ रही है। पार्टियों को मिले 77.28 करोड़ रुपये कुल 359 कॉरपोरेट घरानों ने दिए हैं। यह कुल चंदे 102.02 करोड़ रुपये का 75 प्रतिशत से ज्यादा है। पार्टियों द्वारा चंदे की जो जानकारी दी गई है उसमें बसपा ने बताया है कि उसे 10 साल से 20,000 से ज्यादा चंदे मिले ही नहीं। आपको बता दें कि साल 2015-16 में देश के 7 राष्ट्रीय पार्टियों को 20,000 रुपये से अधिक की लिमिट में 102 करोड़ का चंदा मिला है। जिसमें सबसे आगे बीजेपी रही। बीजेपी को कुल 76 करोड़ रुपये चंदा दिया है। वहीं उसके बाद कांग्रेस रही, जिसे 20करोड़ रुपए चंदे के तौर पर मिले। एनसीपी को मिले चंदे में 98 प्रतिशत की कमी हुई है, उसे इस बार सिर्फ 71 लाख का ही चंदा मिला है।