आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकवादियों को पनाह देने के कारण दुनिया भर में अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान को अब उसके देश की ही लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा है। जनमानस की भावनाओं का खयाल रखते हुए वहां की मीडिया ने भी पाकिस्तान के हुक्मरानों से सीधे सवाल करना शुरु कर दिया है।
पाक मीडिया में सवाल
पाकिस्तान के अखबार ‘द नेशन’ ने सरकार और सेना पूछा है कि जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। जबकि ये दोनों नेशनल सिक्युरिटी के लिए लगातार खतरा बने हुए हैं। इस हफ्ते ये दूसरा मौका है जब पाकिस्तान के किसी बड़े अखबार ने सेना और सरकार के फैसलों और नीतियों पर तीखा हमला बोला है और सीधे सवाल खड़ा किया है।
कुछ दिन पहले ‘द डॉन’ अखबार ने खबर दी थी कि दुनिया में अलग-थलग पड़ने के डर से नवाज ने आर्मी को हर आतंकी संगठन के खिलाफ सख्त एक्शन लेने को कहा था। ये तमाम कवायद भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हुई। ‘द डॉन’ के आर्टिकल के बाद नवाज सरकार ने इसके जर्नलिस्ट सेरिल अलमीडा के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी। लेकिन बुधवार को इस अखबार ने साफ कर दिया कि उसने सेना और सरकार के बीच मतभेद की जो खबर दी थी, वो सच थी और अखबार उस पर कायम है।
मीडिया को भाषण क्यों?
‘द नेशन’ ने यह सवाल भी उठाया, सरकार और आर्मी मसूद अजहर और हाफिज सईद पर तो कोई कार्रवाई नहीं करती बल्कि मीडिया को नैतिकता का पाठ पढ़ा रही है।
पाक मीडिया ने हाफिज और मसूद को आतंकी घोषित किया
मसूद अजहर पठानकोट जबकि हाफिज सईद 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है। ये दोनों आतंकी सरगना पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हैं। अखबार के मुताबिक, दोनों को ही आर्मी का प्रोटेक्शन हासिल है। अखबार ने लिखा, ये अफसोस वाली बात है कि सरकार और सेना मीडिया को उसका काम सिखाने की कोशिश कर रही है।