विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों के नेता चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं। जो नेता पार्टी के स्टार प्रचारक नहीं है उन्हें पार्टी ने बयानों के लिए लगा रखा है। ऐसे ही एक नेता हैं कांग्रेस के सीनियर लीडर औऱ पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम। इस बार चुनाव में नोटबंदी भी एक बड़ा मुद्दा है क्योकि बीेजेपी उसे अपने पक्ष में भुनाने में लगी है और दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां नोटबंदी की कमियां गिनाकर उसका लाभ लेने में जुटी है। चिंदबरम ने कहा है कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी के विरोध में ही अपना पद छोड़ा।
चिंदबरम अपनी किताब ‘फीयरलेस इन ऑपोजिशन, पावर ऐंड अकाउंटबिलिटी’ के लॉन्च के अवसर बोल रहे थे, चिंदबरम ने दावा किया है कि रिजर्व बैंक के किसी व्यक्ति ने केंद्र सरकार को नोटबंदी के विरोध में एक पांच पेज का पत्र ठीक उसी दिन भेजा था जिस दिन रघुराम राजन ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर का पद छोड़ा था। इसके साथ ही, चिदंबरम ने केंद्र सरकार से कहा है कि उस पत्र को सार्वजनिक किया जाए। चिदबंरम ने कहा, ‘सरकार ने राजन के लिए गवर्नर बने रहना बेहद मुश्किल कर दिया था और इसी कारण ऐसा लगता है कि उन्होंने गवर्नर पद छोड़ने का फैसला लिया। सरकार नोटबंदी करना चाहती थी और रघुराम राजन इसका विरोध कर रहे थे।’