घर बैठे लखपति बनाने का सपना दिखाने वाली कंपनियों के राज धीरे धीरे खुलते जा रहे हैं। पिछले महीने सोशल ट्रेड के धंधे का खुलासा हुआ तो पता चला कि वो 3700 करोड़ का घोटाला सिर्फ वेबसाइट्स क्लिक कराकर कर चुका था। Social Trade का मालिक फिलहाल जेल में है और जांच चल रही है। अब इसी तर्ज पर काम करने वाली एक और कंपनी वेबवर्क के ढाई लाख इन्वेस्टर्स की 500 करोड़ से ज्यादा की रकम फंसती नजर आ रही है। कंपनी ने शनिवार को अखबारों में नोटिस देकर कहा कि अब वह 20 अप्रैल के बाद ही स्थायी रूप से काम शुरू करेगी। हालांकि नोटिस में इन्वेस्टर्स के पैसे लौटाने की बात कही गई है। इस कंपनी ने तो दिल्ली के कई बड़ें अखबारों में अपनी सफाई में विज्ञापन दिया है।
नॉन-पेमेंट से यह कंपनी आई शक के दायरे में
कंपनी के खिलाफ दिसंबर से ही पेमेंट न होने की शिकायतें थीं, पर लोगों को झांसा दिया जा रहा था। सोशल ट्रेड स्कैम के बाद एक इन्वेस्टर की शिकायत पर गुरुवार से पुलिस की साइबर सेल ने जांच शुरू की। शुक्रवार को कंपनी ने संडे तक ऑफिस बंद करने का नोटिस दिया, जिसे बाद में 20 अप्रैल तक बढ़ा दिया। नोटिस के मुताबिक, बैंकिंग सिस्टम में फेरबदल के चलते ऑनलाइन पेमेंट में दिक्कत आ रही है। जैसे ही बैंकिंग सिस्टम ठीक होगा, कंपनी पेमेंट और काम शुरू कर देगी। नोटिस में 20 अप्रैल की तारीख के साथ एक-दो महीने भी लिखा है, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति है।
कानूनी शिकंजे से बचने के लिए विज्ञापन
सोशल ट्रेड के खुलासे के बाद अब इस तरह के कारोबार पर जांच एजेंसियों की नजरें हैं इसलिए कानूनी शिकंजे से बचने के लिए कंपनी ने अपना दफ्तर बंद कर दिया और विज्ञापन के जरिए अपने का पाक-साफ बताने की कोशिश की। पता करने पर मालूम हुआ कि यह दफ्तर आगे कब खुलेगा, इसका कोई अंदाजा नहीं है।
गौरतलब है कि नोएडा सेक्टर 2 स्थित इस कंपनी ने सितंबर 2016 में काम शुरू किया था। सिर्फ 5 महीने में उसका कारोबार 500 करोड़ से ज्यादा हो गया। सोशल ट्रेड एक क्लिक के 5 रुपये देती थी, जबकि यह कंपनी 6 रुपये देने का दावा कर रही थी। कंपनी ने मल्टिलेवल मार्केटिंग से लोगों को जोड़कर सोशल मीडिया पर ऐड प्रमोशन का झांसा दिया। नोटबंदी के दौरान लेन-देन पर नजर से बचने के लिए addsbook.com नाम से नई साइट लॉन्च की। इन्वेस्टर्स के इनवॉयस बदल पब्लिशर्स बना दिया, जिससे उन्हें साइट पर ऐड देने वाला बताया जा सके।