नोटबंदी के बाद पहली तारीख को आने वाली सैलरी का सबको इंतजार था, लेकिन सरकारी कर्मियों को इसमें निराशा हाथ लगी। पूरे महीने इंतजार करने के बाद जब ये कर्मचारी सैलरी निकालने बैंक पहुंचें तो कैश की कमी के चलते उन्हें सैलरी नसीब नहीं हुई।
बैंकों में ग्राहकों की भारी भीड़ जुटी,किंतु वेतन के पैसे निकालने पहुंचे ग्राहकों को लौटना पड़ा। बैंकों में कैश की कमी से अधिकांश ग्राहकों को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। हलांकि केंद्र और राज्य सरकार के कर्मियों के खाते में वेतन की रकम पहुंच चुकी है, लेकिन उसे खाते से निकालना आसान नहीं है।