नई दिल्ली। पासपोर्ट बनवाने के लिए दस्तावेजों की मोटी फाइल बनाने की जरूरत अब नहीं पड़ेगी और न ही सत्यापित शपथ पत्र के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर लगाना पड़ेगा। इसके अलावा अब पासपोर्ट बनवाने के लिए माता पिता की जगह कोई भी किसी धर्मगुरु या बाबा का नाम भी डाल सकता है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल ट्वीट का जानकारी दी कि सरकार पासपोर्ट बनवाने की शर्तों में कुल 8 बदलाव करने की दिशा में काम करने जा रही है। उन्होंने इस बाबत लोगों ने अपनी राय रखने को भी कहा। इन 8 बिंदुओं में एक प्वाइंट ऐसे लोगों के लिए भी जिसमें साधु संन्यासियों ने सरकार से अपने धर्म गुरु के नाम पर पासपोर्ट जारी करने की मांग की थी।
आइए जानते हैं क्या होने वाले हैं पासपोर्ट के नए नियम:
1. पासपोर्ट में माता और पिता दोनों के नाम की जगह किसी एक का नाम लिखना होगा। पासपोर्ट के आवेदन में अनुलग्नकों की संख्या 15 से घटा कर नौ कर दी गयी है।
2. अनुलग्नकों को अब नोटरी/न्यायिक मजिस्ट्रेट के शपथपत्र की बजाय एक सादे कागज़ पर लिखकर या प्रिंट करके देना होगा।
3. विवाहित लोगों को विवाह प्रमाणपत्र या अनुलग्नक’के’नहीं देना होगा। तलाकशुदा लोगों को अपने जीवनसाथी का नाम देना जरूरी नहीं रहेगा।
4.नए नियमों के तहत साधु-संन्यासियों को अभिभावक की जगह उनके आध्यात्मिक गुरु का नाम लिखने की छूट दे दी गयी है।
5. जन्मतिथि के लिये आधार एवं ई-आधार कार्ड, भारतीय जीवन बीमा निगम या अन्य कंपनियों के पॉलिसी बॉण्ड या बीमा दस्तावेज ही मान्य होंगे।
6. अनाथ बच्चों की जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में अगर मेट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र या अदालत का प्रमाणपत्र नहीं है तो अनाथालय के प्रमुख द्वारा उनके आधिकारिक लेटरहैड पर लिख कर देने को भी प्रमाण माना जाना जायेगा।
7. विवाह बंधन के बाहर जन्म लेने वाले बच्चों के लिये केवल अनुलग्नक’जी’देना होगा। गोद लिये गये बच्चों के लिये अभिभावकों को एक सादे कागज पर शपथपत्र देना होगा।
8. सरकारी कर्मचारी जो अनुलग्नक’बी’या अनुलग्नक’एम’हासिल करने में असमर्थ हैं तो उन्हें अनुलग्नक’एन’देना होगा।