सीनियर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने करन जौहर की फिल्म ऐ दिल है मुश्किल का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि ‘फिल्म इंडस्ट्री सभी को बेहद आसान टारगेट नजर आता है। उन्हें (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) फिल्म इंडस्ट्री को टारगेट करने में वैसा ही मजा आता है, जैसा मजा उन्हें बॉलीवुड द्वारा बनाई गई फिल्मों को देखते हुए आता है। पाकिस्तान के साथ हमने राजनयिक संबंध नहीं तोड़े हैं। हम पाक के साथ युद्ध की स्थिति में भी नहीं हैं और ना ही हमने अपने बॉर्डर को सील किया है। हम सिर्फ उन पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जो प्यार और शांति का संदेश अपने काम के जरिए देते हैं।’
हाल ही में मनसे ने मल्टीप्लेक्स मालिकों को ‘ऐ दिल है मुश्किल’ रिलीज न करने की चेतावनी दी थी, हालांकि अब उसने अपना विरोध छोड़ दिया है। नसीरुद्दीन ने मनसे पर चुटकी लेते हुए कहा कि ‘मुझे लगता है कि बहादुर दिल वाले (मनसे), जिन्होंने मेकर्स और थिएटर मालिकों को धमकाया है, उन्हें बॉर्डर पर जाकर दुश्मन से लड़ना चाहिए, पाकिस्तान से आने वाले घुसपैठियों को मारना चाहिए। तब कुछ अच्छे परिणाम सामने आएंगे। बेचारे आर्टिस्टों को धमकाने से क्या हासिल होने वाला है?’
नसीरुद्दीन ने कहा कि ‘जिस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया, उसे क्यों नहीं रिलीज होना चाहिए? उसपर रुकावट क्यों आनी चाहिए? मैं करण जौहर का कोई बड़ा फैन नहीं हूं, लेकिन ये फिल्म (ऐ दिल है मुश्किल) मैं जरूर देखूंगा। मैं सोचता हूं कि ऐसे किसी भी क्रिएटिव इंसान का समर्थन करना चाहिए, जो अपना काम दिखाना चाहता है। हालांकि सरकार ने भी आश्वासन दिया है कि इस फिल्म को रिलीज करने में कोई दिक्कत नहीं आने देगी।’
गौरतलब है कि फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में पाक कलाकार फवाद खान ने महत्वपूर्ण रोल निभाया है, जिसके चलते इस फिल्म का विरोध किया जा रहा है।