पटना में प्रकाशोत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब से एक दूसरे की तारीफ की है राजनीतिक हलकों में चर्चा चल पड़ी है। हर पार्टी और हर नेता अपने अपने तरीके से इस पूरे मामले को देख रहा है। एक तरफ जहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के किसी नेता को मोदी-नीतीश के मंच पर जगह नहीं मिलने से राजद नेताओं में नाराजगी भी दिखी लेकिन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव बड़े बेटे तेजप्रताप ने कहा कि भगवान के दरबार में सब बराबर हैं इसलिए कहां बैठे यह कोई मामला नहीं है। केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरिराज सिंह को भाजपा और जद (यू) के बीच नजदीकी बढ़ती लग रही है। उन्होंने कहा कि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं, लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए, यह मालूम नहीं।
बिहार के मंत्री अब्दुल गफूर ने कहा कि राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता। उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब बाप और बेटे अलग हो सकते हैं, तो कुछ भी हो सकता है।
इन बयानो से पहले राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रकाशोत्व के मंच पर राजद के किसी नेता को जगह नहीं दुखद है। साथ ही उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को मंच से नीचे बैठे देखकर लोग चौंक गए। यह बात बिहार की जनता को बिल्कुल ठीक नहीं लगी है। क्योंकि बिहार में गठबंधन की सरकार है और सहयोगी दल मनमानी नहीं कर सकते । रघुवंश प्रसाद सिंह के इस बयान के बाद जदयू प्रवक्ता ने कहा कि राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद को दर्शक दीर्घा में बैठने से कोई फर्क नहीं पड़ा, तो रघुवंश बाबू को पेट में दर्द क्यों हो रहा है। साथ ही जद (यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने भाजपा और जद (यू) में किसी भी तरह की नजदीकी से साफ इनकार कर दिया।