केंद्र सरकार ने नोटबंदी के दौरान भारी मात्रा में नए नोट जब्त किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है । सरकार ने सभी बैंकों को आदेश जारी कर कहा है कि वो अपने कर्मचारियों पर सख्त नजर रखें। जांच एजेंसियों का मानना है कि बिना बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत के इतने बड़े पैमाने पर नोटों की खेप बाहर नहीं जा सकती। साथ ही नियमों के उल्लंघन के मामलों की जानकारी देने को भी कहा गया है। सरकार ने कहा है कि बैंकों को अपने स्टाफ पर नजर रखनी चाहिए ताकि वह ऐसे किसी काम में शामिल न हों, जिससे नोटबंदी के अभियान को धक्का पहुंचता हो।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने मुख्य सतर्कता आयुक्तों से कहा है कि वे कड़ी निगाह रखें और अपने इंटेलिजेंस नेटवर्क का इस्तेमाल करें ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके।’ अधिकारी के मुताबिक बैंकों के सतर्कता आयुक्तों से मिलने वाली रिपोर्ट्स को आगे की कार्रवाई के लिए सीबीआई और फाइनैंशल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ साझा किया जा सकेगा। 8 नवंबर को केंद्र सरकार की ओर से की गई नोटबंदी के बाद से अब तक सरकारी बैंकों के 30 अधिकारियों को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोपों में निलंबित किया गया है। इसके अलावा बैंकों को ऐसे ‘जनधन’ खातों की जमा राशि पर भी नजर रखने को कहा गया है, जिनमें पहले बहुत कम रकम डिपॉजिट होती रही हो और अचानक बड़ी राशि डाली गई हो।