निर्भीक और बेबाक पुलिस अधिकारी, सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर जोगिंदर सिंह का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया 1996-97 में सीबीआई डायरेक्टर के तौर पर जोगिंदर सिंह ने बोफोर्स तोप सौदा, चंद्रा स्वामी, सेंट किट्स घोटाला और रक्षा सौदे में घोटाले की जांच की थी। जैसा कि सीबीआई पर अक्सर यह आरोप लगता है कि वो सरकार के इशारे पर काम करती है उस वक्त की मौजूदा सरकार ने भी जोगिंदर सिंह ने कुछ अपनी मनमानी करानी चाही। सरकारी दखलंदाजी जोगिंदर सिंह को बरदाश्त नहीं हुई और खुलकर नाराजगी जता दी। बाद में जोगिंदर सिंह को समय से पहले ही उनके पद से हटा दिया गया।
चारा घोटाले में लालू यादव को पहली बार जेल भेजने का श्रेय भी जोगिंदर सिंह को ही जाता है। जोगिंदर सिंह के ही कार्यकाल में बिहार के चारा घोटाले की जांच हुई। इस मामले में लालू दोषी पाए गए और जेल गए। जोगिंदर सिर्फ 11 महीने सीबीआई डायरेक्टर रहे लेकिन आज यह कहने में कोई हर्ज नहीं कि सीबीआई निदेशक के पद और उसके पावर के बारे में आम जनता ने उन्हीं के कार्यकाल के बाद जाना।
साफगोई पसंद जोगिंदर सिंह ने इनसाइड सीबीआई और आउटसाइज सीबीआई लिखकर हंगामा मचा दिया था। कर्नाटक कैडर से 1961 बैच के आईपीएस जोगिंदर सिंह को तब के प्रधानमंत्री एचडी. देवगौड़ा ने सीबीआई डायरेक्टर बनाया था। चार साल पहले भी एक आर्टिकल में जोगिंदर सिंह ने कहा था कि सीबीआई को इलेक्शन कमीशन और कैग जैसे पावर देकर उसे सरकार के दायरे से अलग करना चाहिए क्योंकि कहीं ना कहीं ये सबसे बड़ी एजेंसी प्रेशर में काम करती है।
इसके अलावा वो आईटीबीपी, सीआईएसएफ, नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और आरपीएफ के डायरेक्टर जनरल रह चुके जोगिंदर सिंह होम मिनिस्ट्री में स्पेशल सेक्रेटरी भी रहे। जोगिंदर सिंह को मीडिया सरकार की ओर विनम्र श्रद्धांजलि