इटली के पीएम मैटियो रेंजी ने संवैधानिक सुधार पर जनमत संग्रह में हार मिलने के बाद वह अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इटली के प्रधानमंत्री ने मीडिया के बात करते हुए कहा कि सरकार चलाने का उनका अनुभव यहीं समाप्त होता है। जनमत संग्रह में प्रधानमंत्री रेंजी का भविष्य दांव पर लगा दिया था। उन्होंने ‘नो कैंप’ की जीत के बाद यह घोषणा की। गृह मंत्री के अनुमानों के अनुसार फाइव स्टार मूवमेंट के नेतृत्व में नो कैंप ने 59.5 फीसदी के साथ जनमत संग्रह में जीत हासिल की। करीब 70 प्रतिशत इतालवी मतदान करने लिए योग्य थे।
इस जनमत संग्रह में काफी कुछ दांव पर लगा होने और विभिन्न अहम मामलों के इससे जुड़े होने के कारण बड़ी संख्या में मतदान हुआ रेंजी ने कहा कि वह अपनी कैबिनेट की अंतिम बैठक के बाद अपना इस्तीफा सौंपने के लिए प्रेसिडेंट सर्जियो मैटारेला से मुलाकात करेंगे। इसके बाद प्रेसिडेंट मैटारेला पर नयी सरकार की नियुक्ति की जिम्मेदारी होगी यदि ऐसा नहीं पाया तो प्रेसिडेंट पर जल्द चुनाव कराने की जिम्मेदारी होगी।
आपको बता दें कि 68 साल पुराने इटली के संविधान में बदलाव को समय की जरूरत माना जा रहा था। इस जनमत संग्रह को ‘ब्रेग्जिट’ के बाद यूरोप में सत्ता विरोधी भावनाओं को जाहिर करने के माध्यम के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि इसका आह्वान इटली के प्रधानमंत्री मैटियो रेनजी ने किया है, लेकिन बहुत से लोगों के लिए यह सरकार के खिलाफ असंतोष जाहिर करने के एक माध्यम भी बना। इस संविधान संशोधन में ऊपरी सदन सीनेट की शक्तियां कम करते हुए इसके सदस्यों की संख्या 315 से 100 सीमित करने का बात थी। जिस पर विपक्षियों का कहना है कि सीनेट की शक्तियां कम होने की स्थिति में प्रधानमंत्री के हाथों में ज्यादा शक्तियां आ जायेंगी।