नई दिल्ली। अंतरिक्ष विज्ञान में सस्ते से सस्ते खोज के लिए भारत की पहचान बना चुका इसरो साल की शुरुआत में ही 5 मिशन को पूरा करने के करीब पहुंच गया है। इस जनवरी महीने में ही इसरो 83 सेटेलाइट के साथ पीएसएलवी लांच करेगा। इसके अलावा मानवयुक्त अंतरिक्ष विमान की तैयारी के दिशा में भी एक प्रयोग अंतिम चरण में है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के पांच मिशन में सबसे महत्वपूर्ण है जियो सिंक्रोनस सैटेलाइट लांच और मानव सहित अंतरिक्ष यान की उड़ान की दिशा में पहला परीक्षण पैड एबॉर्ट टेस्ट। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक डॉ. के सिवान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इसरो के पांच मिशन में दो पीएसएलवी, दो जीएसएलवी और एक पैड एबॉर्ट टेस्ट शामिल हैं।
उनके अनुसार जनवरी के अंत तक पीएसएलवी सी37 83 सैटेलाइट के साथ उड़ान भरेगा। इसमें 730 किलो वजन का सबसे बड़ा सैटेलाइट कारटोसैट 2डी भी होगा। इसके अलावा कजाखिस्तान, नीदरलैंड, अमेरिका, स्विट्जरलैंड और इजराइल के भी छोटे छोटे सैटेलाइट भी होंगे।
पीएसएलवी के अलावा इसरो जीएसएलवी भी लांच करेगा। इसमें सार्क देशों का एक सैटेलाइट जिसे साउथ एशिया सैटेलाइट कहा जा रहा है, भी लांच किया जाएगा। इसके अलावा इसरो पैड एबॉर्ट टेस्ट करेगा, जो ये सिद्ध करेगा कि अगर किसी अंतरिक्षयात्री को लांच कर दिया गया है तो वह खुद को कैसे बाहर निकाल सकता है।