100 साल पहले महात्मा गांधी ने भारत में जमी ब्रिटिश सरकार की चूलें हिलाने के लिए पहला सत्याग्रह आंदोलन चंपारण से शुरु किया था। गांधी के इस सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष में भारत की जीडीपी ब्रिटेन से अधिक हो जाएगी। उसी ब्रिटेन से जिसने दो सौ साल से ज्यादा हिंदुस्तान का दोहन किया। कुछ समय पहले कयास लगाए जाते थे कि भारत 2020 तक जीडीपी के मामले में ब्रिटेन से बड़ा हो जाएगा। लेकिन अब यह टारगेट वक्त से तीन साल पहले ही यानी 2017 में मुमकिन लग रहा है।
2017 में भारत की इकोनॉमी 100 साल में पहली बार ब्रिटेन को पार कर सकती है। मौजूदा करंसी रेट के हिसाब से भारत की जीडीपी 153 लाख करोड़ रुपए यानी 2.25 लाख करोड़ डॉलर है। ब्रिटेन की इकोनॉमी का आकार 2.31 लाख करोड़ डॉलर यानी 156 लाख करोड़ रुपए है। यानी भारत की जीडीपी इंग्लैंड से सिर्फ 3 लाख करोड़ रु. (1.9%) कम रह गई है।
फिलहाल वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग में ब्रिटेन दुनिया की 5th और भारत 7th सबसे बड़ी इकोनॉमी हैं। भारत की जीडीपी ब्रिटेन के इतने करीब पहुंची है तो इसकी भी खास वजह है। 1991 में ग्लोबलाइजेशन को अपनाने के बाद भारत की इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही है। दूसरी ओर यूरोपियन यूनियन (ईयू) से अलग होने के लिए गए जनमत संग्रह यानी ‘ब्रेग्जिट’ के बाद इंग्लैंड की स्थिति कमजोर हुई है। पिछले एक साल में ब्रिटिश करंसी पौंड की कीमत डॉलर की तुलना में 20% कमजोर हुई है। साथ ही वर्ल्ड बैंक और दूसरी संस्थाओं का मानना है कि ब्रिटेन की ग्रोथ एक से दो फीसदी तक रहेगी।