इस बार का बजट कई मायने में अलग है। नोटबंदी के बाद पहली बार बजट पेश किया जा रहा है। आजाद हिंदुस्तान में पहली बार रेल बजट औऱ आम बजट को एक कर दिया गया है। पहली बार १ फरवरी को बजट को पेश हो रहा है। साथ ही यह भी दिलचस्प है बजट बनाने की प्रक्रिया में जुटे वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों में 41 फीसदी महिलाएं रही हैं। ये महिला अधिकारी सरकार के बजट से जुड़े कामकाज का 52 प्रतिशत कामकाज देख रही हैं।
विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों में अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के 34 वित्तीय सलाहकारों में 14 महिला अधिकारी हैं। ये महिला अधिकारी सरकार का बजट से से जुड़े आधे से ज्यादा कामकाज देख रही हैं।
महत्वपूर्ण मंत्रालयों जैसे वित्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मानव संसाधन विकास, युवा, कौशल विकास तथा खेल के वित्तीय सलाहकारों ने बजट पूर्व प्रक्रिया में भारी योगदान दिया है। इसके अलावा नागर विमानन, शहरी विकास, रसायन एवं उर्वरक, कोयला एवं खान, डाक, सामाजिक न्याय, विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान मंत्रालय के अधिकारी बजट प्रक्रिया में शामिल रहे हैं।
आम आदमी के घर परिवार का बजट संभालने की जिम्मेदारी घर की महिलाओं पर रहता है ऐसे में इन महिला अधिकारियों के योगदान से बना यह बजट आम आदमी की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेगा यह अब से कुछ ही वक्त बाद साफ हो जाएगा।