आपके ड्राइंग रुम का एक जाना माना चेहरा अरनब गोस्वामी फिर से बहुत जल्द आपके टीवी स्क्रीन पर नजर आने वाला है।अरनब का नया वेंचर रिपब्लिक टीवी लांच होने की तैयारी में है और अर्णब अपनी टीम को आखिरी शक्ल देने में जुटे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार चित्रा सुब्रमण्यम अरनब गोस्वामी के नए वेंचर ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) से बतौर एडिटोरियल एडवाइजर जुड़ गई हैं। पहली बार चित्रा सुब्रमण्यम ने ही ये पर्दाफाश किया था कि बोफोर्स तोप की खरीदारी में कुछ लोगों को रिश्वत दी गई है। देश के चंद बेहतरीन खोजी पत्रकारों में शुमार चित्रा उस वक्त अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में कार्यरत थीं।
स्वीडन के पूर्व पुलिस प्रमुख स्टेन लिंडस्ट्रोम ने 1987 में चित्रा सुब्रमण्यम को बोफोर्स तोप की खरीदारी संबंधित दस्तावेज दिए थे। गोस्वामी ने अपनी टीम में सुब्रमण्यम का स्वागत करते हुए कहा कि मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं, क्योंकि उनके साथ काम करना गौरव की बात है। हमने उन्हें उनकी उच्च स्तरीय पत्रकारिता और ईमानदारी के लिए देखा है। हमारी एडिटोरियल टीम उनका स्वागत कर के बेहद खुश है।
अपने नई भूमिका के बारे में सुब्रमण्यम ने कहा कि अरनब और उनकी टीम के साथ जुड़ने पर मुझे बेहद खुशी है। वे युवा हैं, निडर हैं और महत्वाकांक्षी है। और इन सब चीजों के साथ मिलकर भारतीय पत्रकारिता की जा सकती है। मुझे उम्मीद है कि जो उम्मीदें उन्होंने मुझसे लगाईं हैं उस पर मैं खरी उतरुंगी।
कुछ समय पहले अरऩब के इस वेंचर के नाम को लेकर विवाद खड़ा हुआ था जब सीनियर बीजेपी लीडर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रिपब्लिक नाम पर
आपत्ति जताई थी। सुब्रमण्यम स्वामी ने सूचना प्रसारण मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी जिसमें ‘रिपब्लिक’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई है। स्वामी ने लिखा कि अरनब चैनल के लिए रिपब्लिक शब्द का उपयोग नहीं कर सकते हैं। स्वामी ने कहा कि अगर सरकार इस मसले पर उचित कार्रवाई नहीं कर पाई, तो वे कानूनी प्रकिया के तहत मामले को कोर्ट ले जाएंगे। स्वामी ने प्रसारण मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा था कि, प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग की रोकथाम) एक्ट 1950 के तहत, कुछ नामों और प्रतीकों के व्यावसायिक व वाणिज्यिक प्रायोजनों के लिए इस्तेमाल पर पाबंदी है। इस कानून के तहत रिपब्लिक शब्द का इस्तेमाल भी निषेध है। ऐसा करना सीधे तौर पर प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग की रोकथाम) अधिनियम 1950 का उल्लंघन होगा।
बाद में अरऩब ने मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वो अपने चैनल का नाम ‘रिपब्लिक’ नहीं बल्कि ‘रिपब्लिक टीवी’ चाहते हैं।
Source: samachar4media.com