कालाधन के खिलाफ केंद्र सरकार की मुहिम को एक बड़ा झटका लगा है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इनकम डिक्लेरेशन स्कीम लांच की थी
जिसकी मियाद 30 सितंबर को खत्म हो गई। इसके तहत 62,250 करोड़ रुपए के कालाधन का खुलासा हुआ। इसी स्कीम में गुजरात के प्रॉपर्टी डीलर महेश शाह ने 13,860 करोड़ रुपए की सबसे बड़ी बेहिसाबी आमदनी का खुलासा किया था। अब महेश शाह इस स्कीम के तहत पैसा चुकाने से पहले ही गायब हो गए हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को शाह की चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म अप्पाजी अमीन के ठिकानों पर छापे मारे।
शाह के करीबियों के यहां भी इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापे मारे हैं। शाह के सीए सेठना ने बताया कि शाह ज्यादातर जमीन के सौदे करते हैं। सेठना ने कहा 13,860 करोड़ रुपए की बेहिसाबी संपत्ति डिक्लेयर करने से पहले शाह ने कुछ इन्कम टैक्स ऑफिशियल्स से भी बात की थी। हो सकता है शाह के पास इतना बड़ा अमाउंट ना हो। जब आईटी डिपार्टमेंट ने इन्क्वॉयरी शुरू की तो उसे इस बात का शक हुआ कि शाह तय तारीख पर इंस्टॉलमेंट चुका पाएंगे। इसके बाद शाह का IDS Form-2 कैंसल कर दिया गया। मैंने डिपार्टमेंट को शाह से जुड़े सभी पेपर्स दिखाए। सेठना ने कहा हालांकि शाह की फाईनेंशियल हालत इतनी मजबूत नहीं दिखती लेकिन उसने खुद इतना पैसा होने का दावा किया था। लेकिन अब मुझे लगता है शाह के पास इतना पैसा नहीं होगा।
शाह ने 13,860 करोड़ की बेहिसाबी आमदनी का खुलासा किया है। इनकम डिस्क्लोजर स्कीम के तहत उन्हें 45% रकम बतौर टैक्स चुकानी होगी। यानी उन्हें कुल 6237 करोड़ रुपए टैक्स देना हाेगा। स्कीम के तहत इसकी पहली किस्त 6237 करोड़ रुपए का 25% होगी। यानी 1560 करोड़ रुपए।