लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा दांव खेला है। अखिलेश यादव ने मंगलवार को महज 6 घंटे के भीतर ही करीब 60000 क के प्रोजेक्ट का श्रीगणेश कर दिया। अखिलेश ने राज्य के अलग-अलग जगहों पर करीब 60,000 करोड़ रुपए की लागत के कुल 5500 प्रोजेक्ट का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
अखिलेश यादव ने सबसे पहले राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में एक नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। उसके बाद उन्होंने फैजाबाद जिले के अंजरौली इलाके में प्राइमरी हेल्थ सेंटर का इनॉगरेशन किया। फिर वो मंडी परिषद में 1,932 करोड़ रुपए की लागत वाले 3,180 प्रोजक्ट का उद्घाटन करने पहुंचें। इसके बाद उन्होंने 1,103 करोड़ की लागत के 2,022 प्रोजक्ट्स का शिलान्यास किया। अखिलेश यादव ने इसके अलावा जनेश्वर मिश्रा ग्राम योजना के तहत 924 करोड़ की लागत से गांवों हुए काम, लखनऊ, सफैई, झांसी, कन्नौज और अन्य जगहों में बने नए किसान बाजार, ललितपुर, झांसी, हमीरपुर, बांदा, महोबा और जालौन में स्पेशल मंडी, 183 लिंक रोड, गाजियाबाद के नवीन मंडी में 199 किलोवॉट का सोलर पावर प्लांट,संभल जिले में हेडक्वार्टर्स की नई बिल्डिंग, बिजनौर व चंदौली में स्टेट मेडिकल कॉलेज और इलाहाबाद स्टेट यूनिवर्सिटी की नई बिल्डिंग का शिलान्यास किया। इसके अलावा अखिलेश ने कानपुर में बने एक और अमूल प्लांट का लोकार्पण किया। वहीं 500 करोड़ का शान-ए-अवध प्रोजक्ट, गोमती नगर एक्सटेंशन में एक कमर्शियल सेंटर बनाने के लिए सीएम ने 500 करोड़ रुपए के शान-ए-अवध प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। इसके अलावे, सीएम ने हेल्थ सेक्टर में 390 करोड़ रुपए के अलग-अलग प्रोजक्ट्स की शुरुआत की। 6000 करोड़ रुपए की लागत से बने सड़कों और पुलों का उद्घाटन किया। 10,000 करोड़ की लागत से बननेवाली नई सड़कों और पुलों का शिलान्यास किया। एक स्विमिंग पुल, हॉकी स्टेडियम, क्रिकेट स्टेडियम और बस स्टेशन का भी सीएम ने उद्घाटन किया।
अखिलेश ये सारे काम महज 6 घंटे में िपटा लिए। 6 घंटे में उन्होंने 60,000 करोड़ कते प्रोजक्ट का उद्घाटन और शिलान्यास कर दिया। हलांकि चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले जल्दबाजी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कई आधी अधूरी योजनाओं का भी लोकार्पण और कई नई योजनाओं का लखनऊ से ही एक साथ शिलान्यास कर दिया है। अखिलेश आखिरी मौके पर ताबड़तोड़ योजनाओं का उद्घाटन कर सपा सरकार की छवि को उभारने में जुट गए हैं। हलांकि इसका फैसला तो यूपी की जनता ही करेगी ।