नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग सामने आ चुके हैं। गुजरात में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। अब तक परिणाम के मुताबिक बीजेपी को 108 सीटे और कांग्रेस को 74 सीटे मिलती दख रही है। भले ही कांग्रेस को एक बार फिर से गुजरात विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस चुनाव में राहुल गांधी ने अपनी छवि जरूर च मका ली। राहुल की मेह नत रंग लाई और जिस तरह की टक्कर कांग्रेस ने यहां दी उसे देखकर सब हैरान रह गए। कांग्रेस गुजरात के कई इलाकों में बीजेपी के गढ़ को सेंधने में कामयाब रही है। राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 26 मंदिरों के दर्शन किए और 150 से ज्यादा रैलियां की। इस चुनाव में राहुल ने खूब पसीना बहाया। लोगों के करीब गए और इस का फायदा भी उन्हें मिले, लेकिन इन सब के पीछे जिस शख्स का हाथ है वो कोई और नहीं बल्कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत है। राजस्थान में अपनी सत्ता गंवाने के बाद भी कांग्रेस ने गहलोत पर भरोसा जताया और गुजरात चुनाव का प्रबारी बनाकर उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंप दी। गहलोत ने भी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और जी-जान ने जुट गए। उनकी मेहनत देखिए की वो दिवाली पर भी अपने घर नहीं लौटे और गुजरात में कार्यकर्ताओं के साथ ही दिवाली बनाई।
गहलोत की छवि न को एक कुशल प्रवक्ता की है और न ही किसी बड़े खानदान से आते है, लेकिन उनकी मधुरता और सादगी लोगों को उनके करीब खींचती है। गुजरात में राजस्थान के नेता को प्रभारी बनाने पर शुरुआत में कुछ विरोध भी हुए, लेकिन गहलोत ने उन्हें अपने पक्ष में कर दिया और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर गुजरात चुनाव में कांग्रेस के लिएमजबूत जमीन तैयार की।